Badal ka paryayvachi shabd: यदि आप बादल का पर्यायवाची शब्द क्या है? जानना चाहते है तो आप बिलकुल सही आर्टिकल में आए है इस आर्टिकल में आज हमलोग 30 से भी ज्यादा badal ka paryayvachi shabd के बारे में जानने वाले है।
बादल का पर्यायवाची शब्द
Badal ka paryayvachi shabd
मेघ | जलधर | घटा |
अभ्र | धर | जलद |
वारिधर | बलाधर | पयोधर |
नीरद | पयोदी | परजन्य |
सारंग | जीमूत | धराधर |
धन | वारिद | पयोद |
जगजीवन | अम्बुद | वारिवाह |
अंबुधर | अब्र | घनश्याम |
तोयद | तोयधर | नीरधर |
बदली | बलाहक | घनमाला |
मेघमाला | मेघावली | कांदबिनी |
पर्यायवाची शब्द किसे कहते है?
जिन शब्दों का अर्थ एक जैसा होता है उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं यानि समान अर्थ वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है।
जैसे:-
बादल का पर्यायवाची शब्द – मेघ, धर, अभ्र, जलधर, वारिधर आदि।
सूरज का पर्यायवाची शब्द – सूर्य, दिनकर, दिवाकर, रवि, भास्कर, भानु, दिनेश।
रात का पर्यायवाची शब्द – रात्रि, निशा, रजनी।
बादल का पर्यायवाची शब्द हिंदी में (Badal synonyms in hindi)
मेघ, घटा, धर, अंबुधर, बलाधर, मेघावली, नीरधर, नीरद, घनश्याम, जीमूत आदि
Badal ka paryayvachi shabd english mein (synonyms of cloud in english)
Cloud, Fog, Steam, Vapor, Frost, Smog, Smoke, Pother, Gloom, Nebula etc
जैसा की अभी हमने बादल का पर्यायवाची शब्द के बारे में जाना इसी प्रकार अन्य शब्दों के पर्यायवाची शब्द के बारे में जानने के लिए क्लिक करे।
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बादल किसे कहते हैं?
वायुमण्डल में उपस्थित जलवाष्प के संघनन के कारण जल के कणों या हिम कणों की दृश्य मात्रा को बादल कहते हैं। बादल वर्षा का मुख्य स्रोत हैं, बादल के कारण वर्षा, हिमपात और ओलावृष्टि पृथ्वी की सतह पर पहुँचती है।
बादल का निर्माण कैसे होता है?
संघनन की प्रक्रिया के कारण बादल बनते हैं। जब दिन के समय सूर्य की रोशनी महासागरों, समुद्रों, नदियों आदि के पानी के ऊपर पड़ती है तो सूर्य की रोशनी के गर्मी के कारन महासागरों, समुद्रों, नदियों आदि का पानी गर्म होने लगता है और धीरे धीरे वाष्पित होने लगता है और पृथ्वी के वायुमंडल में ऊपर जाने लगते है जैसे-जैसे वाष्प ऊंचाई में बढ़ती है, तापमान कम होता जाता है और जलवाष्प ठंडा होने लगता है और वायुमंडल में मौजूद धूल के कण जलवाष्प के चारों ओर संघनित होने लगती है जिससे बादल का निर्माण होता है।
बादल पर निबंध (Essay on cloud in hindi)
जब भी हम आसमान की ओर देखते है तो हमे आसमान में सफेद सफेद चीजे दिखाई देता है। आसमान में जो यह सफेद सफेद चीजे दिखाई देती है वही बादल होता है। बादल आसमान की खूबसूरती में चार चाँद लगा देता है नीली नीली आसमान में सफेद सफेद बादलो को देखना काफी अच्छा लगता है। बादल का निर्माण संघनन की प्रक्रिया के कारण होता है। दिन के समय जब सूरज की रोशनी महासागरों, समुद्रों, नदियों, झरनों आदि के पानी के ऊपर पड़ती है तो सूरज की रोशनी के गर्मी के कारण महासागरों, समुद्रों, नदियों, झरनों आदि का पानी गर्म होने लगता है और धीरे धीरे वाष्पित होने लगता है और जलवाष्प पृथ्वी के वायुमंडल में ऊपर जाने लगते है जैसे-जैसे जलवाष्प ऊंचाई में बढ़ती है, तापमान कम होता जाता है और जलवाष्प ठंडा होने लगता है और वायुमंडल में मौजूद धूल के कण जलवाष्प के चारों ओर संघनित होने लगती है जिससे बादल का निर्माण होता है। बादल का निर्माण सामान्यत पृथ्वी के सतह से 8 से 12 किलोमीटर कि ऊंचाई पर होता है। बादल से वर्षा होती है और पृथ्वी पर शुद्ध जल का मुख्य स्रोत वर्षा का जल होता है। जब बादलो से जल वर्षा के रूप में पृथ्वी की सतह पर गिरती है तो इससे हमारे नल, कुवां, तालाब, नदी आदि भर जाती है जिससे हमे पूरा साल पिने और अपने जरुरत के लिए जल प्राप्त होता है। जब वर्षा होती है तो वर्षा के पानी का ज्यादातर भाग मिट्टी द्वारा सोख लिया जाता है जिससे पृथ्वी के भूपर्पटी में जल की स्तर में वृधि होती है। भारत में सबसे अधिक वर्षा, वर्षा ऋतू में होती है भारत में वर्षा ऋतू का आगमन ग्रीष्म ऋतू के बाद जुलाई महीने में होती है और सितम्बर महीने तक चलती है। वर्षा ऋतू में ही आसमान में सबसे ज्यादा बादल होते है जिस कारण से सबसे ज्यादा वर्षा भी होती है। बादलो का इंतेजार किसान बेसब्री से करते है क्यूंकि बादल के वर्षा से ही किसानो के फसलो को पानी प्राप्त होता है। बादल पृथवी में मौजूद सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधा के लिए बहुत ही प्रिय है क्यूंकि बादल से ही पृथ्वी को वर्षा के रूप में जल प्राप्त होता है।
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बादल के प्रकार
बादलों का वर्गीकरण उनकी ऊँचाई, उनके आकार,उनके रंग तथा प्रकाश को परावर्तित करने की उनकी क्षमता के आधार पर किया गया है। ऊँचाई के आधार पर बादलों के दस प्रकार माने गये और इन्हें तीन मुख्य वर्गों में रखा गया हैं।
- उच्च बादल ( 6 से 12 किलोमीटर )
- मध्य बादल ( 2 से 6 किलोमीटर )
- निम्न बादल( 0-2 किलोमीटर )
1.उच्च बादल
ये तीन प्रकार के होते हैं –
- पक्षाम बादल:- चूँकि इसकी रचना हिम कणों से होती है, इसलिए ये पंखनुमा होते हैं। पृथ्वी पर से ये बहुत कोमल और सफेद रेशम की तरह दिखाई देते हैं। ऐसा लगता है मानों कि इनका निर्माण पंखों के रेशों से हुआ हो। जब ये आकाश में अव्यवस्थित तरीके से होते हैं, तब इन्हें साफ मौसम का प्रतीक माना जाता है। इसके ठीक विपरीत यदि ये व्यवस्थित तरीके से फैले हों, और इनका रंग भी साफ न हो, तो मौसम में खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।
- पक्षाभ- स्तरी बादल:- ये बादल देखने में सफेद पतले – पतले जैसे दिखाई देते हैं। इसके कारण आकाश का रंग दुधिया हो जाता है। इन बादलों के फैलने से सूर्य और चन्द्रमा के चारों ओर प्रभा – मण्डल बन जाता है। सामान्यतया ये आने वाले तूफान की सूचना देते हैं।
- पक्षाभ- कपासी बादल:- ये बादल छोटे-छोटे पत्रकों अथवा छोटे गोलाकार ढेरों के रूप में पाये जाते हैं। इनकी कोई छाया पृथ्वी पर नहीं पड़ती। इन बादलों को मैकेरल स्काइर् भी कहा जाता है।
2.मध्य बादल
ये दो प्रकार के होते हैं –
- मध्य स्तरीय बादल:- ये आकाश में भूरे तथा नीले रंग के होते है जो मोटी परतों के रूप में फैले रहते हैं। जब ये बहुत घने हो जाते हैं, तब सूर्य और चन्द्रमा तक स्पष्ट दिखाई नहीं देते। साधारणतया इनसे दूर-दूर तक और लगातार बारिश होती है।
- कपासी मध्य बादल:- इनका रंग भूरा और श्वेत होता है। ये पंक्तिबद्ध या लहरों के रूप में पाए जाते हैं। अक्सर इनकी छाया पृथ्वी पर दिखाई देती है
3. निम्न बादल
- स्तरीय कपासी बादल:- यह समूह पंक्तियों अथवा लहरों में दिखाई पड़ते हैं।
- स्तरीय बादल:- वर्षा स्तरीय मेघों से लगातार जल वृष्टि या हिम वृष्टि होती है। ये बहुत सघन और काले रंग के होते है, जिनसे धरती पर अंधेरा तक छा जाता है।
- वर्षा स्तरीय बादल:- इससे लगातार जल वर्षा और हिम वर्षा होती है।
- कपासी बादल:- ये बहुत अधिक घने और विस्तृत होते हैं। ये देखने में धुनी हुई रुई के ढेर जैसी दिखाई देते हैं। ये गुम्बदाकार या फूल गोभी जैसे आकार के होते हैं। इनका आधार काले रंग का होता है।
- कपासी वर्षा बादल:- ये सबसे अधिक लम्बवत विकास वाले बादल होते हैं। इनसे तेज़ बौछार के रूप में वर्षा होती है साथ ही ओले और तूफान भी आते हैं।
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FAQ on badal ka paryayvachi shabd (बादल पर्यायवाची शब्द से जुड़ा प्रश्न उत्तर)
प्रश्न :- बादल का पर्यायवाची शब्द लिखे?
उत्तर :- मेघ, घटा, अंबुधर, बलाधर, धर, मेघावली, नीरद, घनश्याम, नीरधर, जीमूत आदि
प्रश्न :- बादलों से हमें क्या प्राप्त होती है?
उत्तर :- बादलों से हमें वर्षा प्राप्त होती है।
प्रश्न :- बादल कैसे गरजते हैं ?
उत्तर :- बादलों के आपस में टकराने से बिजली चमकती है और तेज आवाज होती होगी।
प्रश्न :- बादल किस रंग के होते हैं?
उत्तर :- बादल काले, गहरे स्लेटी और सफेद रंगों के होते हैं। सूर्य की किरणों के कारण बादल सुबह और शाम के समय लाल और केसरिया रंग के भी दिखाई देते हैं।
प्रश्न :- साल के किन किन महीने मे बादल छाते हैं?
उत्तर :- साल के जुलाई और अगस्त के महीने में बादल छाते हैं।
प्रश्न :- बादल किससे बने होते है?
उत्तर :- बादल पानी की बूँदें तथा बर्फ के क्रिस्टल से बने होते है।
प्रश्न :- बादल सफ़ेद क्यों दिखते है?
उत्तर :- बादल में पानी की मात्रा कम होती है, जिसके कारण इन पर सूर्य की किरण पड़ने से ये सफ़ेद दिखाई देते है।
प्रश्न :- भूरे बादलों के होने से हल्का अंधेरा क्यों हो जाता है?
उत्तर :- भूरे बादलों के लगने से हमारे चारो ओर हल्का अंधेरा हो जाता है क्योंकि सूर्य की किरणे इन बादलों को पार नहीं कर पाती।
प्रश्न :- बादल का फटना किसे कहा जाता है।
उत्तर :- दो अधीक वर्षा वाले बादल आपस में या किसी पहाड़ से टकराते है तो अत्यधिक वर्षा होने के कारण बाढ़ तथा भूकंप जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है जिसे बादल का फटना कहा जाता है।
प्रश्न :- उच्च मेघ कितनी ऊंचाई में पाए जाते हैं?
उत्तर :- उच्च मेघ 6 से 12 किलोमीटर की ऊंचाई में पाए जाते हैं।
प्रश्न :- मध्य मेघ कितनी ऊंचाई में पाए जाते हैं?
उत्तर :- मध्य मेघ 2 से 6 किलोमीटर की ऊंचाई में पाए जाते हैं।
प्रश्न :- निम्न मेघ कितनी ऊंचाई में पाए जाते हैं?
उत्तर :- निम्न मेघ 0-2 किलोमीटर ऊंचाई में पाए जाते हैं
प्रश्न :- बादल पृथ्वी पर मौसम को कैसा बनाए रखते हैं।
उत्तर :- बादल पृथ्वी पर मौसम को वातानुकूलित बनाए रखते हैं।
प्रश्न :- बादल किसानों के लिए किसका का संकेत हैं।
उत्तर :- बादल किसानों के लिए खुशी का संकेत हैं।
प्रश्न :- बादल सफेद रंग के क्यों दिखाई देते हैं?
उत्तर :- सूर्य की किरणों के कारण बादल हमें सफेद रंग के दिखाई देते हैं
प्रश्न :- किन बादलों में पानी की मात्रा कम होती है?
उत्तर :- सफेद बादलों में पानी की मात्रा कम होती है।
प्रश्न :- किन बादलों में पानी की मात्रा ज्यादा होती है?
उत्तर :- भूरे बादल में पानी की मात्रा ज्यादा होती है।
प्रश्न :- किस ऋतू में सबसे अधिक वर्षा होती है?
उत्तर :- वर्षा ऋतू में सबसे अधिक वर्षा होती है।
प्रश्न :- भारत में वर्षा ऋतू का आगमन कब होता है?
उत्तर :- भारत में वर्षा ऋतू का आगमन ग्रीष्म ऋतू के बाद जुलाई महीने में होती है और यह सितम्बर महीने तक चलती है।
बादल का 10 पर्यायवाची शब्द
मेघ, घटा, अंबुधर, नीरद, बलाधर, घनश्याम, धर, मेघावली, नीरधर, जीमूत
बादल का निर्माण कैसे होता है?
जब पृथ्वी पर गर्मी अधीक बढ़ जाती है तो नदी, तालाब, समुद्र इत्यादि के पानी भाप बनकर ऊपर उठने लगते है। भाप के ऊपर उठने के दौरान कुछ धुल कण भी पानी के साथ ऊपर चले जाते है। यही भाप और धुल के कण ऊपर जाकर बादल का निर्माण करते है।
तो यह रहा बादल का पर्यायवाची शब्द के बारे में पूरी जानकारी, उम्मीद करता हूँ की आपको badal ka paryayvachi shabd का यह जानकारी अच्छा लगा होगा, यदि आपको बादल के पर्यायवाची शब्द का यह अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे।
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