आपको बता दे की संस्कृत भाषा भारत के साथ साथ पूरी दुनिया की सबसे प्राचीनतम भाषा में से एक है। संस्कृत भाषा की उत्पत्ति हमारे भारत देश से ही हुए है। आज के आधुनिक भारत में बहुत ही कम लोग है जो संस्कृत भाषा जानते होंगे। संस्कृत भाषा पे हमे गर्व करना चाहिए साथ ही हमे संस्कृत भाषा के बारे में थोड़ा बहुत तो जानकारी होना ही चाहिए। यदि आप संस्कृत भाषा जानने के इच्छुक है तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही उपयोगी है इस आर्टिकल में आज हमलोग “12 months name in sanskrit” यानि “संस्कृत में महीनों के नाम” जानने वाले है। Months name in sanskrit के बारे में जानने से पहले आपको बता दे की संस्कृत में महिना को मास: या मासक: या श्राम: कहा जाता है।
Sanskrit mein mahinon ke naam
संस्कृत में महीनों के नाम (12 Months Name in Sanskrit)
- चैत्रः (Chaitraḥ)
- वैशाखः (Vaisakha)
- ज्येष्ठः (Jyesthah)
- आषाढः (Asadhah)
- श्रावणः (Sravanah)
- भाद्रपदः (Bhadrapadah)
- आश्विनः (Asvinah)
- कार्तिकः (Kartikah)
- मार्गशीर्षः (Margasirsah)
- पौषः (Pausah)
- माघः (Maghah)
- फाल्गुनः (Phalgunah)
12 महीनों के नाम संस्कृत में (Month Name in Sanskrit / Hindi / English)
SL No | Months Name in Sanskrit | Months Name in Hindi | Months Name in English |
1 | चैत्रः | चैत्र या चैत | January |
2 | वैशाखः | वैसाख या बैसाख | February |
3 | ज्येष्ठः | जेष्ठ या जेठ | March |
4 | आषाढः | आषाढ़ या आसाढ़ | April |
5 | श्रावणः | श्रावण या सावन | May |
6 | भाद्रपदः | भाद्रपद या भादो | June |
7 | आश्विनः | आश्विन या आसिन | July |
8 | कार्तिकः | कार्तिक या कातिक | August |
9 | मार्गशीर्षः | आग्रहण या अगहन | September |
10 | पौषः | पौष या पूस | October |
11 | माघः | मागशिस या माघ | November |
12 | फाल्गुनः | फाल्गुन या फागुन | December |
आपको बता दे की संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महिना चैत्रः महिना होता है वही हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महिना चैत्र महिना होता है वही अंग्रेजी कैलेंडर यानि ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महिना जनवरी होता है। अब अगर हमलोग यह देखे की संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महिना जब चैत्रः होता है तब अंग्रेजी कैलेंडर यानि ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार कौन सा महिना होता है तो वह नीचे दिया गया है।
Names of Months in Sanskrit / Hindi / English
SL No | Months Name in Sanskrit | Months Name in Hindi | Months Name in English |
1 | चैत्रः | चैत्र या चैत | मार्च-अप्रैल |
2 | वैशाखः | वैसाख या बैसाख | अप्रैल-मई |
3 | ज्येष्ठः | जेष्ठ या जेठ | मई-जून |
4 | आषाढः | आषाढ़ या आसाढ़ | जून-जुलाई |
5 | श्रावणः | श्रावण या सावन | जुलाई-अगस्त |
6 | भाद्रपदः | भाद्रपद या भादो | अगस्त-सितम्बर |
7 | आश्विनः | आश्विन या आसिन | सितम्बर-अक्टूबर |
8 | कार्तिकः | कार्तिक या कातिक | अक्टूबर-नवम्बर |
9 | मार्गशीर्षः | आग्रहण या अगहन | नवम्बर-दिसम्बर |
10 | पौषः | पौष या पूस | दिसम्बर-जनवरी |
11 | माघः | मागशिस या माघ | जनवरी-फरवरी |
12 | फाल्गुनः | फाल्गुन या फागुन | फरवरी-मार्च |
दोस्तों यदि आप दिनों के नाम, ग्रहो के नाम, जानवरों के नाम, पक्षियों के नाम, फलों के नाम, फूलों के नाम, सब्जियों के नाम, 1 से 100 तक संस्कृत में गिनती आदि के बारे में जानकारी संस्कृत में जानना चाहते है तो Sanskrit me jankari पे क्लिक करे।
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संस्कृत में 12 महीनों के नाम (Sanskrit Months Name)
चैत्रः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महिना चैत्रः महिना होता है यानि चैत्रः महिना से ही भारतीय नववर्ष आरम्भ होता है। वही हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार भी साल का पहला महिना चैत्र महिना होता है जिसे चैत भी कहा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर यानि ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महिना जनवरी होता है। संस्कृत कैलेंडर के अनुसार चैत्रः महिना का आरम्भ अंग्रेजी कैलेंडर यानि ग्रेगोरी कैलेंडर के मार्च महिना में होता है तथा इसका अंत अप्रैल महिना में होता है। आपको बता दे की चैत्र माह की शुरुआत साल 2023 में 08 मार्च 2023 से होगी।
वैशाखः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का दूसरा महिना वैशाखः महिना होता है जिसे हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार वैसाख या बैसाख का महिना कहा जाता है। संस्कृत कैलेंडर का दूसरा महिना वैशाखः का आरम्भ अप्रैल महिना में होता है तथा इसका अंत मई महिना में होता है।
ज्येष्ठः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का तीसरा महिना ज्येष्ठः महिना होता है जिसे हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार जेष्ठ या जेठ का महिना कहा जाता है। संस्कृत कैलेंडर का तीसरा महिना ज्येष्ठः का आरम्भ मई महिना में होता है तथा इसका अंत जून महिना में होता है।
आषाढः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का चौथा महिना आषाढः महिना होता है जिसे हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ या आसाढ़ का महिना कहा जाता है। संस्कृत कैलेंडर का चौथा महिना आषाढः का आरम्भ जून महिना में होता है तथा इसका अंत जुलाई महिना में होता है।
श्रावणः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का पाँचवा महिना श्रावणः महिना होता है जिसे हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार श्रावण या सावन का महिना कहा जाता है। संस्कृत कैलेंडर का पाँचवा महिना श्रावणः का आरम्भ जुलाई महिना में होता है तथा इसका अंत अगस्त महिना में होता है।
भाद्रपदः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का छठा महिना भाद्रपदः महिना होता है जिसे हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद या भादो का महिना कहा जाता है। संस्कृत कैलेंडर का छठा महिना भाद्रपदः का आरम्भ अगस्त महिना में होता है तथा इसका अंत सितम्बर महिना में होता है।
आश्विनः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का सातवा महिना आश्विनः महिना होता है जिसे हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार आश्विन या आसिन का महिना कहा जाता है। संस्कृत कैलेंडर का सातवा महिना आश्विनः का आरम्भ सितम्बर महिना में होता है तथा इसका अंत अक्टूबर महिना में होता है।
कार्तिकः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का आठवा महिना कार्तिकः महिना होता है जिसे हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार कार्तिक या कातिक का महिना कहा जाता है। संस्कृत कैलेंडर का आठवा महिना कार्तिकः का आरम्भ अक्टूबर महिना में होता है तथा इसका अंत नवम्बर महिना में होता है।
मार्गशीर्षः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का नवा महिना मार्गशीर्षः महिना होता है जिसे हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार आग्रहण या अगहन का महिना कहा जाता है। संस्कृत कैलेंडर का नवा महिना मार्गशीर्षः का आरम्भ नवम्बर महिना में होता है तथा इसका अंत दिसम्बर महिना में होता है।
पौषः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का दसवा महिना पौषः महिना होता है जिसे हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार पौष या पूस का महिना कहा जाता है। संस्कृत कैलेंडर का दसवा महिना पौषः का आरम्भ दिसम्ब महिना में होता है तथा इसका अंत जनवरी महिना में होता है।
माघः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का ग्यारवा महिना माघः महिना होता है जिसे हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार मागशिस या माघ का महिना कहा जाता है। संस्कृत कैलेंडर का ग्यारवा महिना माघः का आरम्भ जनवरी महिना में होता है तथा इसका अंत फरवरी महिना में होता है।
फाल्गुनः मास:
संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का बारवा महिना फाल्गुनः महिना होता है जिसे हिंदी कैलेंडर यानि पंचांग कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन या फागुन का महिना कहा जाता है। संस्कृत कैलेंडर का बारवा महिना फाल्गुनः का आरम्भ फरवरी महिना में होता है तथा इसका अंत फरवरी मार्च में होता है। संस्कृत कैलेंडर के अनुसार साल का अंतिम महिना होता है। फाल्गुनः महिना खत्म होने के बाद पुन: भारतीय नववर्ष का प्रथम महिना चैत्रः महिना का आरम्भ हो जाता है।
अन्य पढ़े:
FAQ on Months Name in Sanskrit
संस्कृत में महीनों के नाम क्या है?
चैत्रः
वैशाखः
ज्येष्ठः
आषाढः
श्रावणः
भाद्रपदः
आश्विनः
कार्तिकः
मार्गशीर्षः
पौषः
माघः
फाल्गुनः
भारतीय नववर्ष का आरम्भ कब होता है?
भारतीय नववर्ष का आरम्भ प्रथम चैत्र को होता है।
संस्कृत कैलेंडर का पहला महिना कौन सा है?
संस्कृत कैलेंडर का पहला महिना चैत्र है।
Conclusion on Months Name in Sanskrit
12 months name in sanskrit के इस आर्टिकल में आज हमने संस्कृत में महीनों के नाम के बारे में जाने, आशा करता हूँ की आपको month name in sanskrit का यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा यह आप हमे कमेंट में लिख के जरुर बताए साथ ही इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरुर से जरुर शेयर करे।
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