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“10 vegetables name in sanskrit with picture” के इस आर्टिकल में आज हमलोग “10 sabjiyon ke naam sanskrit mein” जानने वाले है साथ ही इन “10 सब्जियों के नाम संस्कृत में” जानने के साथ इन सभी सब्जियों के बारे में पूरी जानकारी भी जानने वाले है।

10 Vegetables Name in Sanskrit with Picture
SL No | Vegetables Name in Hindi | Vegetables Name in Sanskrit | Vegetables Name in English | Vegetables Picture |
1 | टमाटर | रक्ताङ्गकः | Tomato | ![]() |
2 | आलू | आलुकः | Potato | ![]() |
3 | फूल गोभी | गोजिह्वा | Cauliflower | ![]() |
4 | पत्ता गोभी | कपिशाक | Cabbage | ![]() |
5 | बैगन | वृन्ताकः | Brinjal | ![]() |
6 | भिंडी | भिण्डिका | Ladyfinger | ![]() |
7 | करेला | कारवेल्लः | Bitter Gourd | ![]() |
8 | गाजर | गुञ्जनम् | Carrot | ![]() |
9 | मुली | मूलिका | Radish | ![]() |
10 | खीरा | चर्भटि: | Cucumber | ![]() |
10 sabjiyon ke naam sanskrit mein
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10 सब्जियों के नाम संस्कृत में और उनके बारे में जानकारी
रक्ताङ्गकः (टमाटर)
टमाटर को संस्कृत में रक्ताङ्गकः कहा जाता है वही टमाटर को अंग्रेजी में Tomato कहा जाता है तथा टमाटर का वैज्ञानिक नाम सोलेनम लाइको पोर्सिकान (Solanum Lycopersicum) होता है। आपको बता दे की वनस्पति वैज्ञानिक के दृष्टि से टमाटर एक फल है पर टमाटर को हम एक सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया करते है जिस कारण से टमाटर को हम एक सब्जी मानते है। टमाटर देखने में काफी सुंदर गोल लाल रंग के होते है इसे हम कच्चा सलाद के रूप में भी खाते है और पका के व्यंजन के रूप में भी खाते है। टमाटर एक बहुत ही स्वादिष्ट सब्जी है जिसे हर कोई काफी पसंद करते है। टमाटर स्वादिष्ट के साथ साथ पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। टमाटर में विटामिन-ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है साथ ही इसमें विटामिन-सी, कैल्शियम, फास्फोरस आदि पोषक तत्व भी पाए जाते है। भारत में टमाटर सबसे लोकप्रिय सब्जयों में से एक है हमारे यहाँ टमाटर की चटनी सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। ऐसा माना जाता है की टमाटर की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका के ऐन्डीज़ पर्वत में हुआ है। पुरे दुनिया में टमाटर की सबसे जादा उत्पादन करने वाला देश चीन है। चीन के बाद टमाटर उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा देश भारत है वही संयुक्त राज्य अमेरिका टमाटर उत्पादन में तीसरे नंबर पर आता है। भारत की बात करे तो भारत में आंध्र प्रदेश राज्य में टमाटर का उत्पादन सबसे अधिक किया जाता है।
आलुकः (आलू)
आलू को संस्कृत में आलुकः के नाम से जाना जाता है वही आलू को अंग्रेजी में हम Potato के नाम से जानते है। तथा आलू का वैज्ञानिक नाम सोलेनम ट्यूबरोसम (Solanum Tuberosum) होता है। आलू का पौधा आकर में छोटा होता है जो सामान्यत: 1 फीट जितने बड़े होते है। आलू के पौधा मे आलू जमीन के अंदर जड़ो के पास होता है। आपको बता दे की आलू तना का रूपांतरण है। आलू एक ऐसा सब्जी है जिसका इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है और यह लगभग हार्न तरह के सब्जी व्यंजन के साथ इस्तेमाल किया जाता है। आलू में विटामिन-सी, विटामिन-बी कॉम्पलेक्स, कैल्शियम, मैंगनीज, फास्फोरस तथा आयरन के तत्त्व पाए जाते है। आलू में कई प्रकार के औषधीय गुणों के साथ साथ सौंदर्यवर्धक गुण भी होते है। ऐसा माना जाता है की आलू की उत्पत्ति सबसे पहले दक्षिण अमेरिका के पेरू नामक देश में हुआ है। पुरे विश्व में धान, गेहूं और मक्का के बाद सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल आलू है। पुरे विश्व में आलू का सबसे अधिक उत्पादन चीन में होता है चीन के बाद पुरे विश्व में आलू का सबसे ज्यादा उत्पादन रूस में होता है वही सबसे ज्यादा आलू उत्पादन में भारत का स्थान तीसरा है। वही भारत की बात करे तो भारत में सबसे ज्यादा आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश राज्य में किया जाता है।
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गोजिह्वा (फूल गोभी)
फूल गोभी का नाम संस्कृत में गोजिह्वा है वही फूल गोभी की अंग्रेजी में Cauliflower कहा जाता है तथा फूल गोभी का वैज्ञानिक नाम ब्रैसिका ओलेरासिया वार. बोट्रीटाइस (Brassica oleracea var. botrytis) है। आपको बता दे की फूल गोभी में विटामिन-ए, विटामिन-सी, निकोटीनिक एसिड, प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस जैसे कई सारे पोषक तत्व पाए जाते है। फूल गोभी खाने से कई प्रकार के स्वास्थ लाभ मिलता है जैसे फूल गोभी हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते है, हड्डियों को मजबूत बनाते है, कैंसर से बचाव करते है, वजन कम करने में सहायक होते है आदि। ऐसा माना जाता है की फूल गोभी की उत्त्पति साइप्रस व इटली का भूमध्यसागरीय क्षेत्र में हुआ है। वही हमारे भारत में फूल गोभी का आगमन मध्य काल में हुआ है। पुरे विश्व में सबसे ज्यादा फूल गोभी उत्पादन में पहला देश चीन है वही पुरे विश्व में सबसे ज्यादा फूल गोभी उत्पादन में दूसरा देश हमारा भारत है। वही भारत में उत्तर प्रदेश राज्य में फूल गोभी की सबसे अधिक खेती होती है।
कपिशाक (पत्ता गोभी)
पत्ता गोभी को संस्कृत में कपिशाक कहा जाता है वही पत्ता गोभी को अंग्रेजी में Cabbage कहा जाता है तथा पत्ता गोभी का वैज्ञानिक नाम ब्रैसिका ओलेरैसा वर. कैपिटाटा (Brassica Ooleracea var. capitata) होता है। पत्ता गोभी जिसे बंद गोभी या करमकल्ला कहा जाता है एक प्रकार का शाक सब्जी है। पत्ता गोभी बेहद पौष्टिक होता है। पत्ता गोभी काफी सारे पोषक तत्वों से भरपूर होते है साथ ही इसमें 92% से अधिक मात्रा में पानी होता है। आपको बता दे की पत्ता गोभी में विटामिन-सी, विटामिन-ए, विटामिन-के, फॉस्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, पोटैशियम, शुगर तथा फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। पुरे विश्व में पत्ता गोभी का सबसे बड़ा उत्पादक देश चीन है। चीन के बाद पुरे विश्व में पत्ता गोभी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत है। वही भारत की बात करे तो हमारे देश भारत में पत्ता गोभी का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल है। पश्चिम बंगाल के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा, असम और हरियाणा में पत्ता गोभी की खेती काफी अधिक मात्रा में किया जाता है।
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वृन्ताकः (बैंगन)
बैंगन को संस्कृत में वृन्ताकः के नाम से जाना जाता है वही बैंगन को अंग्रेजी में Brinjal के नाम से जाना जाता है तथा बैंगन का वैज्ञानिक नाम सोलानम मेलोंगेना (Solanum Melongena) होता है। आपको बता दे की आलू के बाद सबसे ज्यादा खपत होने वाला सब्जी बैंगन है। बैंगन पोष्टिक गुणों से भरपूर होता है। बैंगन में विटामिन-ए, विटामिन-बी व विटामिन-सी तीनो पाई जाती है इसके साथ ही इसमें आयरन, जिंक, फोलेट जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते है इन्ही पोषक तत्वों के कारण बैंगन को स्वस्थ के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।ऐसा माना जाता है की बैंगन की उत्पत्ति सबसे पहले हमारे देश भारत में ही हुआ है। पुरे विश्व में बैंगन का सबसे ज्यादा पैदावार करने वाला देश चीन है वही चीन के बाद बैंगन की सबसे अधिक पैदावार भारत में होती है। भारत में बैंगन की खेती की बात करे तो भारत में बैंगन का पैदावार सबसे अधिक पश्चिम बंगाल राज्य में होता है। पश्चिम बंगाल के अलावा आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्रज, उड़ीसा, तमिलनाडु, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ राज्यों में भी बैंगन की पैदावार काफी अधिक मात्रा में किया जाता है।
भिण्डिका (भिंडी)
भिंडी को संस्कृत में भिण्डिका कहा जाता है वही भिंडी को अंग्रेजी में Ladyfinger कहा जाता है तथा भिंडी का वैज्ञानिक नाम एबिलमोस्चूस एस्कुलेंटस (Abelmoschus Esculentus) होता है। आपको बता दे की भिंडी को भारत के अन्य अन्य प्रांतो में अलग अलग नामो से जाना जाता है जैसे छत्तीसगढ में ‘रामकलीय’, गुजरात में ‘भींडा’, बनारस में ‘राम तरोई’, महाराष्ट्र में ‘भेंडी’, बंगाली में ‘स्वनाम ख्यात फलशाक’ और फारसी में ‘वामिया’ के नाम से भी जाना जाता है। भिंडी में विटामिन-ए, विटामिन-बी6, विटामिन-सी, विटामिन-डी, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन आदि पोषक तत्व पाए जाते है। पुरे विश्व में भिंडी का सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत है। भारत के बाद नाइजीरिया, पाकिस्तान, घाना, बेल्जियम और मिस्र जैसे देशी में भिंडी का उत्पादन सबसे अधिक किया जाता है। वही भारत की बात करे तो भारत में भिंडी उत्पादन में सबसे बड़ा राज्य आंध्र प्रदेश है इसके बाद पश्चिम बंगाल भिंडी उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा राज्य है इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा राज्यों में भी भिंडी की खेती काफी अधिक मात्रा में की जाती है।
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कारवेल्लः (करेला)
करेला को संस्कृत में कारवेल्लः कहा जाता है वही करेला को अंग्रेजी में Bitter Gourd कहा जाता है तथा करेला का वैज्ञानिक नाम मोमोर्डिका चारेंटिया (Momordica Charantia) होता है। करेला का स्वाद काफी कड़वा होता है लेकिन यह पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण व्यापक रूप से उगाया और खाया जाता है। करेले में काफी प्रचूर मात्रा में विटामिन-ए, विटामिन-बी और विटामिन-सी पाए जाते है करेला में विटामिन के अलावा पोटैशियम, मैग्नीशियम, मैगनीज, जिंक, आइरन, कैरोटीन, बीटाकैरोटीन, लूटीन जैसे काफी सारे पोषक तत्व पाए जाते है। करेला प्रचुर मात्रा में औषधिय गुणे से भरपूर होता है और इसके सेवन से हमारे शारीर को काफी सारे फायदे होते है। जैसे पाचन शक्ति को बढ़ाने में, मधुमेह को कम करने में, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में, त्वचा रोग के इलाज में, जोड़ों के दर्द से राहत देने में, मोटापा कम करने आदि में करेला का सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है। ऐसा माना जाता है की करेला की उत्पत्ति सबसे पहले 14 वीं शताब्दी के आसपास भारत में हुई है। तथा पुरे विश्व में करेला उत्पादन में सबसे बड़ा देश हमारा भारत देश ही है।
गुञ्जनम् (गाजर)
गाजर को संस्कृत में गुञ्जनम् के नाम से जाना जाता है वही गाजर को अंग्रेजी में Carrot के नाम से जाना जाता है तथा गाजर का वैज्ञानिक नाम डाकस कैरोटा (Daucus Carota) होता है। आपको बता दे की गाजर जमीन के अंदर पैदा होने वाला एक सब्जी है जो की जड़ का रूपांतरण होता है। गाजर काफी सारे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। गाजर में लगभग सभी प्रकार के विटामिन पाए जाते है साथ ही गाजर में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, शुगर, कैल्शियम, पोटेशियम और आयरन के तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। गाजर के सेवन से हमारे शारीर को काफी सारे फायदे होते है जैसे गाजर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है, हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक होते है, ब्लड प्रेशर के नियंत्रण में उपयोगी होते है, हड्डियों को मजबूत बनाने में उपयोगी होते है, कैंसर के बचाव में सहायक होते है,डाइजेशन पावर को बेहतर बनाती है तथा त्वचा के काफी फायदेमंद होते है। पुरे विश्व में गाजर का उत्पादन सबसे अधिक चीन में होता है चीन के बाद दुनिया में गाजर उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा देश रूस है वही संयुक्त राज्य अमेरिका गाजर उत्पादन में तीसरा सबसे बड़ा देश है।
मूलिका (मूली)
मूली को संस्कृत में मूलिका कहा जाता है वही मूली को अंग्रजी में Radish कहा जाता है तथा मूली का वैज्ञानिक नाम रफानूस सतिवस (Raphanus Sativus) होता है। गाजर की तरह ही मूली भी जमीन में मिट्टी के अंदर पैदा होता है। मूली भी जड़ का रूपांतरण है। मूली पोषक तत्वों से भरपूर होता है इसमें विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी, मैग्नीशियम, कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस, सोडियम फास्फोरस, क्लोरीन, गंधक, आयोडिन तथा लौह तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। मूली में मौजूद पोषक तत्वों के कारण यह हमारे शारीर के लिए काफी फायदेमंद होते है। आपको बता दे की मूली कच्चा और पका के पकवान के रूप में दोनों तरह से खाया जाता है। साथ ही मूली के पत्ते को भी शाक के रूप में खाया जाता है। मूली के पत्ते भी पोषक तत्वों से भरपूर होते है। मूली का सेवन से यह हमारे हड्डियों और दाँतों को मज़बूती देते है। थकान मिटाने और अच्छी नींद के लिए काफी मूली का सेवन काफी कारगर होते है। कच्चा मूली खाने से पेट में की़डें की समस्या को खत्म किया जा सकता है। साथ ही मूली हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करने में भी काफी असरदार होते है।
चर्भटि: (खीरा)
खीरा को संस्कृत में चर्भटि: कहा जाता है वही खीरा को अंग्रेजी में Cucumber कहा जाता है। तथा खीरा का वैज्ञानिक नाम कुकुमिस सैटिवस (Cucumis Sativus) होता है। पुरे विश्व में खीरा को सलाद के रूप में कच्चा खाया जाता है। खीरा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। खीरा में 95 प्रतिशत से अधिक मात्रा में पानी होता है इसके अलावा खीरा में विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-के, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और फाइबर के तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी की पथरी जैसे समस्या से दूर रहने के लिए खीरा का सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है। खीरा हड्डियों के स्वास्थ के लिए भी काफी लाभकारी होते है। आपको बता दे की पुरे विश्व में खीरा का उत्पादन सबसे अधिक चीन में होता है। चीन के बाद रूस, तुर्की, ईरान, युक्रेन, उज़्बेकिस्तान में सबसे अधिक मात्रा में खीरा का उत्पादन किया जाता है। वही भारत की बात करे तो विश्व की खीरा आवश्यकता का लगभग 15% खीरा की आपूर्ति भारत के द्वारा होता है। आपको बता दे की पुरे विश्व में भारत खीरे का सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
10 Vegetable Names in Sanskrit
FAQ on 10 Vegetables Name in Sanskrit
टमाटर को संस्कृत में क्या कहते है?
टमाटर को संस्कृत में रक्ताङ्गकः कहते है।
आलू को संस्कृत में क्या कहते है?
आलू को संस्कृत में आलुकः कहते है।
फूल गोभी को संस्कृत में क्या कहते है?
फूल गोभी को संस्कृत में गोजिह्वा कहते है।
पत्ता गोभी को संस्कृत में क्या कहते है?
पत्ता गोभी को संस्कृत में कपिशाक कहते है।
बैगन को संस्कृत में क्या कहते है?
बैगन को संस्कृत में वृन्ताकः कहते है।
भिंडी को संस्कृत में क्या कहते है?
भिंडी को संस्कृत में भिण्डिका कहते है।
करेला को संस्कृत में क्या कहते है?
करेला को संस्कृत में कारवेल्लः कहते है।
गाजर को संस्कृत में क्या कहते है?
गाजर को संस्कृत में गुञ्जनम् कहते है।
मुली को संस्कृत में क्या कहते है?
मुली को संस्कृत में मूलिका कहते है।
खीरा को संस्कृत में क्या कहते है?
खीरा को संस्कृत में चर्भटि: कहते है।
Conclusion on 10 Vegetables Name in Sanskrit
10 vegetables name in sanskrit के इस आर्टिकल में आज हमलोग 10 सब्जियों के नाम संस्कृत में जाना, आशा करता हूँ की आपको 10 sabjiyon ke naam sanskrit mein का यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा। आपको 10 vegetable names in sanskrit का यह आर्टिकल कैसा लगा यह आप हमे कमेंट में जरुर बताए साथ ही इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे।
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