“10 fruits name in sanskrit with picture” के इस आर्टिकल में आज हमलोग “10 falon ke naam sanskrit me” जानने वाले है साथ ही इस “10 फलों के नाम संस्कृत में” जानने के साथ साथ उनके बारे में पूरी जानकारी भी जानने वाले है।
10 Fruit name in sanskrit with pictures
10 Fruits Name in Sanskrit with Picture
SL No | Fruits Name in Hindi | Fruits Name in Sanskrit | Fruits Name in English | Fruits Picture |
1 | आम | आम्रम् | Mango | |
2 | अनार | दाडिमः | Pomegranate | |
3 | अंगूर | द्राक्षाफलम् | Grape | |
4 | केला | कदलिका | Banana | |
5 | सेब | फलप्रभेदः, सेवम् | Apple | |
6 | संतरा | नारङ्गम् | Orange | |
7 | अमरूद | आग्रलम् , बीजपूरम्अ, मृतफलम् , दृढबीजम् | Guava | |
8 | स्ट्रॉबेरी | तृण-बदरम् | Strawberry | |
9 | अनानास | अनासम् | Pineapple | |
10 | लीची | लीचिका | Lychee |
दोस्तों जैसा की अभी हमने 10 फलों के नाम संस्कृत में जाना ऐसे ही यदि आप फूलों के नाम, सब्जियों के नाम, जानवरों के नाम, पक्षियों के नाम, शारीर के अंगो के नाम, रंगों के नाम, दिनों के नाम, महीनों के नाम, ग्रहो के नाम, संस्कृत में गिनती आदि के बारे में संस्कृत में जानना चाहते है तो Sanskrit me jankari पे क्लिक करे।
10 falon ke naam sanskrit mein
10 sanskrit mein falon ke naam
10 फलों के नाम संस्कृत में और उनके बारे में जानकारी
आम्रम् (आम)
आम को संस्कृत में आम्रम् कहा जाता है वही आम को अंग्रेजी में Mango कहा जाता है तथा आम का वैज्ञानिक नाम Mangifera Indica होता है। आपको बता दे की हमारे देश भारत का राष्ट्रीय फल आम है साथ ही आम को फलो का राजा भी कहा जाता है। आम एक बहुत ही स्वादिष्ट, लजीज, रसदार फल है जिसे लोग बहुत ही ज्यादा पसंद करते है। आम भारत का सबसे पसंदीदा फलो में से एक है जिसे हर उम्र के लोग छोटे से बड़े हर कोई बड़े चाव से खाते हैं। आपको बता दे की आम गर्मियों के दिनों में पाए जाते है मार्च अप्रैल महीने में आम के पेड़ो में फल लगना शुरू हो जाता है तथा सितंबर-अक्टूबर के महीने में आम का यह फल पक के खाने लायक तैयार हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि आम की उत्पत्ति दक्षिण एशिया में हुई थी। लेकिन आज के समय में आम लगभग पूरी दुनिया में पाया जाता है। आम स्वादिष्ट के साथ साथ पौष्टिक गुणों से भी भरपूर होता है। आम में विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आम विटामिन-ए, विटामिन-सी और विटामिन-ई का एक समृद्ध स्रोत हैं। साथ ही आम फाइबर और खनिजों जैसे मैग्नीशियम, पोटेशियम और तांबे का भी एक अच्छा स्रोत होता हैं। आम खाने के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे पाचन में सहायता, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना तथा त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सुधार। आम एक बहुमुखी फल है यानि आम का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है इसे ताजा कच्चा खाया जा सकता है, कच्चा आम का इस्तेमाल आचार बनाने में किया जाता है। आम का इस्तेमाल जूस बनाने, स्मूदी बनाने, आइसक्रीम बनाने, चॉकलेट बनाने आदि में किया जाता है। साथ ही आम का उपयोग चटनी और कई प्रकार के व्यंजन में भी किया जाता है।
दाडिमः (अनार)
अनार को संस्कृत में दाडिमः कहा जाता है वही अनार को अंग्रेजी में Pomegranate कहा जाता है तथा अनार का वैज्ञानिक नाम Punica Granatum है। अनार का पेड़ लिथ्रेसी परिवार का एक छोटा आकार का झाड़ीदार पेड़ है जो सामान्यत: 3 से 5 मीटर (बड़ा होता है। अनार के पेड़ में फल आमतौर पर उत्तरी गोलार्ध में सितंबर से फरवरी के बीच और दक्षिणी गोलार्ध में मार्च से मई के बीच में फरता है। उत्तरी गोलार्ध में, यह फल आमतौर पर अक्टूबर में तैयार होता है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में आमतौर पर मार्च और मई के बीच में तैयार होता है। अनार का फल गोल आकार का होता है और इसकी बाहरी खाल सख्त, लाल होती है। अनार का खाने योग्य भाग अंदर होता है जो रसदार, लाल गूदे से घिरे दाने होते हैं। अनार का फल पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसे खाने से कई प्रकार का स्वास्थ्य लाभ मिलता हैं। अनार विटामिन-सी और विटामिन-के का एक अच्छा स्रोत है और इसमें फाइबर, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट भी काफी अछे मात्रा में पाए जाते हैं। अनार फल रोग प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार, हृदय रोग और कैंसर से बचाने के लिए खाया जाता है। अनार एनीमिया के इलाज और पाचन शक्ति को बढ़ावा देने में भी सहायक माना जाता है। यह फल साल भर उपलब्ध रहता है, लेकिन विशेष रूप से सर्दियों के महीनों में मौसम में ज्यादा होता है। अनार की खेती व्यापक रूप से पूरे भारत, पाकिस्तान, ईरान, दक्षिण पूर्व एशिया के सूखे भागों, भूमध्यसागरीय बेसिन, उत्तरी अफ्रीका और कैनरी द्वीप समूह, अजरबैजान और कजाकिस्तान में की जाती है। साथ ही अनार की खेती स्पेन, तुर्की, मोरोको और कैलिफोर्निया में भी की जाती है।
द्राक्षाफलम् (अंगूर)
अंगूर को संस्कृत में द्राक्षाफलम् कहा जाता है वही अंगूर को अंग्रेजी में Grape कहा जाता है तथा अंगूर का वैज्ञानिक नाम Vitis होता है। अंगूर खट्टे मीठे स्वाद से भरपूर काफी स्वादिष्ट फल होते है जो आकर में छोटे और गुच्छेदार होते है। अंगूर का फल स्वादिष्ट के साथ साथ काफी ज्यादा पौष्टिक भी होते है अंगूर में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-सी और विटामिन-के आदि भरपूर मात्रा में पाया जाता है साथ ही अंगूर में जल, शर्करा, पोटेशियम, सोडियम, मैगनेशियम, साइट्रिक एसिड, फलोराइड, पोटेशियम सल्फेट और लौह जैसे तत्व भी भरपूर मात्रा में पाए जाते है। अंगूर खाने से हमे काफी सारे फायदे होते है जैसे दिल की सेहत में सुधार, कैंसर जैसे घातक रोग से बचाव, डायबिटीज और हाई ब्लड के कण्ट्रोल में मदद, हड्डियों की सेहत में सुधार, त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद, वज़न घटाने में सहायक, साथ ही अच्छी नींद आदि में। चीन, अमेरिका, इटली जैसे देशो में अंगूर की खेती सबसे ज्यादा की जाती है वही भारत में अंगूर की खेती सबसे अधिक महाराष्ट्र राज्य में की जाती है आपको बता दे की देश भर में अंगूर की कुल उत्पादन में लगभग 81.22 फीसद का योगदान केवल महाराष्ट्र राज्य की है। वही महाराष्ट्र राज्य की बात करे तो महाराष्ट्र राज्य में अंगूर की सबसे ज्यादा खेती नासिक में होती है जिस कारण से महाराष्ट्र के नासिक को “भारत की अंगूर राजधानी” कहा जाता है।
कदलिका (केला)
केला को संस्कृत में कदलिका कहा जाता है वही केला को अंग्रेजी में Banana कहा जाता है तथा केला का वैज्ञानिक नाम Musa होता है। आपको बता दे की केला भारत में सबसे लोकप्रिय फलों में से एक है। केला न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि इसके पोष्टिक गुणों के कारण इसके काफी सारे स्वास्थ्य लाभ होते है जिस कारण से लोग इसे काफी ज्यादा पसंद करते है। केला विटामिन-सी, विटामिन-बी 6, पोटेशियम, फाइबर जैसे पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत होता हैं। साथ ही इनमें आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम की भी थोड़ी मात्रा पाई जाती है। केले के स्वास्थ्य लाभों की बात करे तो केला से हृदय स्वास्थ्य में सुधार, वजन घटाने में मदद और कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। साथ ही यह बवासीर, कब्ज और मधुमेह के उपचार में भी काफी असरदार होते है। केले को हड्डियों के स्वास्थ और एनीमिया के जोखिम को कम करने के लिए भी जाना जाता है। आपको बता दे की विश्व में केले की सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला देश हमारा भारत देश है। भारत के बाद विश्व में केले की सबसे ज्यादा उत्पादन चीन, इंडोनेशिया और ब्राज़ील में होता है। वही भारत की बात करे तो भारत में केले की सबसे सर्वाधिक खेती तमिलनाडु राज्य में होती है वही केले के उत्पादन में गुजरात राज्य दूसरे स्थान पर व महाराष्ट्र राज्य तीसरे स्थान पर है।
फलप्रभेदः या सेवम् (सेब)
सेब को संस्कृत में फलप्रभेदः या सेवम् कहा जाता है वही सेब को अंग्रेजी में Apple कहा जाता है तथा सेव का वैज्ञानिक नाम Malus Domestica है। सेब एक बहुत ही स्वादिस्ट और पौष्टिक गुणों से भरपूर फल है। ऐसा कहा जाता है की यदि हम प्रतिदिन एक सेब खाए तो यह हमे डॉक्टर से दूर रखते है। यानि सेब हमारे स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक होते है। सेब में लगभग सभी तरह के विटामिन पाए जाते है जैसे विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-बी1, विटामिन-बी2, विटामिन-बी3, विटामिन-बी6, पैंटोथेनिक एसिड। साथ ही सेव में काफी सारे मिनरल्स जैसे कैल्शियम, पोटैशियम, सोडियम, माग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन, जिंक, मैग्नीज, सेलेनियम, कॉपर आदि भी पाए जाते है। आयुर्वेद के अनुसार, सेब त्वचा रोग, हाई ब्लड प्रेशर, सांसों की बीमारी, कमजोरी, दिल का दौरा, बुखार, मानसिक विकार, एसिडिटी, पेचिश, बदहज़मी जैसे बीमारियों से लड़ने में हमे मदद करते है साथ ही सेब के सेवन से दांतों की बीमारी, ल्यूकोरिया, पथरी, गठिया, खून की कमी आदि रोगों को दूर किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है की सेब फल की उत्पत्ति मध्य एशिया के कजाकिस्तान देश की जंगली पहाड़ियों में हुई थी। सेव ठंडे क्षेत्रो में पाए जाते है। चीन में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सेब की पैदावार होता है। चीन के बाद तुर्की, अमेरिका, इटली, पोलैंड में सेब की सबसे ज्यादा पैदावार होती है। भारत में सेब की खेती जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश राज्यों में सर्वाधिक होती है।
नारङ्गम् (संतरा)
संतरा को संस्कृत में नारङ्गम् कहा जाता है वही संतरा को अंग्रेजी में Orange कहा जाता है तथा संतरा का वैज्ञानिक नाम Citrus × Sinensis होता है। संतरा आमतौर पर आकार में गोलाकार होता हैं। जो स्वाद में खट्टा-मीठा होता है। संतरा विश्व के सबसे लोकप्रिय फलों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि संतरा फलकी उत्पत्ति चीन में हुई है। और बाद में व्यापारियों द्वारा भारत और विश्व के अन्य देशों में पहुँच गए। संतरा विटामिन-सी, फाइबर, फोलिक एसिड और पोटेशियम समेत कई पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं। संतरा के सेवन से हमे काफी सारे फायदे होते ही जैसे कैंसर से बचाव में, कोलेस्ट्रॉल के रोकथाम में, किडनी रोग से बचाव में, दिल का स्वास्थ्य में, ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करने में, इम्युनिटी मजबूत करने में, पथरी की रोकथाम में, प्रसव पीड़ा को कम करने में, डिप्रेशन को कम करने में, उम्र के प्रभाव को कम करने में आदि। पुरे दुनिया में संतरा का उत्पादन सर्वाधिक ब्राजील में होती है। ब्राजील के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, भारत और चीन में संतरा का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। वही भारत की बात करे तो भारत में 80% से ज्यादा संतरा की पैदावार महाराष्ट्र राज्य में किया जाता है। महाराष्ट्र के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी संतरे की खेती की जाती है।
आग्रलम् या अमृतफलम् (अमरूद)
अमरूद को संस्कृत में काफी सारे नामो से जाना जाता है जैसे आग्रलम्, बीजपूरम्, अमृतफलम् और दृढबीजम्। वही अमरूद को अंग्रेजी में Guava कहा जाता है तथा अमरूद का वैज्ञानिक नाम Psidium Guajava होता है। अमरूद एक मीठा, रसदार और स्वादिष्ट फल है जो भारत में लगभग हर क्षेत्रो में और हर मौसम में पाया जाता है। अमरूद का फल मीठा और स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कई प्रकार के औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। अमरूद में विटामिन-सी काफी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें विटामिन-सी के साथ साथ विटामिन-ए और विटामिन-बी भी पाया जाता है। साथ ही अमरूद में लोहा, चूना तथा फास्फोरस जैसे पोषक तत्व भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। अमरूद के सेवन से पाचन तंत्र ठीक रहता है साथ ही अमरूद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन-सी, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी काफी मदद करते है। ऐसे तो किसी भी मौसम में अमरूद खाने से काफी सारे फायदे होते है खासकर सर्दियों में अमरूद खाने के फायदे ही फायदे हैं। अमरूद, दंत रोगों के लिए रामबाण साबित होता है। सिर्फ अमरूद के पत्तों को धो के चबाने से दांतों के कीड़ा और दांतों से सम्बंधित समस्याओ को दूर किया जा सकता हैं। पुरे विश्व में अमरूद की सबसे ज्यादा पैदावार हमारे देश भारत में होती है। वही भारत में अमरूद उत्पादन में प्रथम राज्य मध्य प्रदेश और दूसरा राज्य महाराष्ट्र है।
अनासम् (अनानास)
अनानास को संस्कृत में अनासम् कहा जाता है वही अंग्रेजी में अनानास को Pineapple कहा जाता है तथा अनानास का वैज्ञानिक नाम Ananas Comosus होता है। आपको बता दे की अनानास दुनिया के सबसे लोकप्रिय फलों में से एक है। अनानास एक खट्टा-मीठा स्वादिष्ट फल है जो काफी स्वादिष्ट होने के साथ साथ काफी सारे पौष्टिक गुणों से भी भरा होता हैं। अनानास के सेवन से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ होते हैं। अनानास फल में विटामिन, खनिज, फाइबर और प्रोटीन तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अनानास में विटामिन-सी और विटामिन-ए सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता हैं, जो शारीर के कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में काफी सहायक होते हैं साथ ही यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करने में भी सहायक होते है। अनानास एंटीऑक्सीडेंट का भी एक अच्छा स्रोत हैं। साथ ही अनानास में ब्रोमेलैन नामक तत्व पाया जाता है, जो प्रोटीन के पाचन में सहायक होते है। अनानास कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय देशों में उगाए जाते हैं। अनानास दक्षिण अमेरिका के मूल फल हैं, और 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों द्वारा भारत लाए गए थे। भारत दुनिया में अनानास के अग्रणी उत्पादकों में से एक है। अनानास आमतौर पर ताजा खाया जाता है अनानास का उपयोग जूस, जैम, जेली, आइसक्रीम आदि बनाने में किया जाता है साथ ही इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में भीं उपयोग किया जाता है।
तृण-बदरम् (स्ट्रॉबेरी)
स्ट्रॉबेरी को संस्कृत में तृण-बदरम् कहा जाता है वही स्ट्रॉबेरी को अंग्रेजी में Strawberry ही कहा जाता है तथा स्ट्रॉबेरी का वैज्ञानिक नाम Fragaria × Ananassa होता है। क्या आपको यह पता है कि स्ट्रॉबेरी वास्तव में बेरी नहीं है और क्या आप यह जानते हैं कि स्ट्रॉबेरी गुलाब परिवार का एक सदस्य हैं। स्ट्रॉबेरी एक ऐसा फल है जिसे दुनिया भर के लोग काफी पसंद करते हैं। स्ट्रॉबेरी एक संकर फल है जो दो अन्य फलों रेडमंड सेब और चिली स्ट्रॉबेरी के बीच एक क्रॉस करके पैदा किया गया है। स्ट्रॉबेरी मूल रूप से अमेरिका प्रांत का एक फल है और पहली बार 18 वीं शताब्दी में यूरोप में पैदा किया गया था। स्ट्रॉबेरी एक शंकु आकार का लाल रंग का स्वादिष्ट फल है जो विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। स्ट्रॉबेरी फाइबर और फोलिक एसिड का भी एक अच्छा स्रोत है। स्ट्रॉबेरी का उपयोग कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में किया जाता है, जैसे केक, आइसक्रीम, जैम, चॉकलेट आदि बनाने में उपयोग किया जाता है। स्ट्रॉबेरी खाने के फायदे की बात करे तो स्ट्रॉबेरी में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे विटामिन, पोटैशियम, आयरन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, फॉलिक एसिड आदि जो शारीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी उपयोगी साबित होते है। पूरी दुनिया में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन सबसे अधिक चीन में किया जाता है।
लीचिका (लीची)
लीची को संस्कृत में लीचिका कहा जाता है वही लीची को अंग्रेजी में Lychee ही कहा जाता है तथा लीची का वैज्ञानिक नाम Litchi Chinensis होता है। लीची एक मौसमी फल है यानि यह आपको साल के हर मौसम में नहीं मिलेगा। यह फल केवल गर्मियों के मौसम में मई से जुलाई महीने में ही पाया जाता है। लीची आकर में छोटे, गोल, लाल रंग के गुच्छेदार होते है तथा यह बहुत ही स्वादिष्ट मीठे और रसदार होते है। लीची स्वादिष्ट होने के साथ साथ काफी सारे पौष्टिक गुणों से भी भरपूर होते है। लीची में विटामिन-सी, विटामिन-बी6, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्निशियम, नियासिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, तांबा और मैग्नीज जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। लीची के सेवन से हमारे शारीर को काफी सारे फायदे होते है जैसे गर्मियों में शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए, हार्ट को हेल्दी रखने में, ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल करने में, इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में आदि में लीची काफी फायदेमंद होते है। पुरे विश्व में लीची उत्पादन में सबसे बड़ा देश चीन है तथा चीन के बाद विश्व में सबसे अधिक लीची का उत्पादन करने वाला देश भारत है। वही भारत की बात करे तो भारत में लीची का सबसे ज्यादा उत्पादन बिहार राज्य में होता है। बिहार के अलावा महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु राज्यों में लीची की उत्पादन की जाती है।
FAQ on 10 Fruits Name in Sanskrit
आम को संस्कृत में क्या कहते है?
आम को संस्कृत में आम्रम् कहते है।
अनार को संस्कृत में क्या कहते है?
अनार को संस्कृत में दाडिमः कहते है।
अंगूर को संस्कृत में क्या कहते है?
अंगूर को संस्कृत में द्राक्षाफलम् कहते है।
केला को संस्कृत में क्या कहते है?
केला को संस्कृत में कदलिका कहते है।
सेब को संस्कृत में क्या कहते है?
सेब को संस्कृत में फलप्रभेदः या सेवम् कहते है।
संतरा को संस्कृत में क्या कहते है?
संतरा को संस्कृत में नारङ्गम् कहते है।
अमरूद को संस्कृत में क्या कहते है?
अमरूद को संस्कृत में आग्रलम् या अमृतफलम् कहते है।
अनानास को संस्कृत में क्या कहते है?
अनानास को संस्कृत में अनासम् कहते है।
स्ट्रॉबेरी को संस्कृत में क्या कहते है?
स्ट्रॉबेरी को संस्कृत में तृण-बदरम् कहते है।
लीची को संस्कृत में क्या कहते है?
लीची को संस्कृत में लीचिका कहते है।
Conclusion on 10 Fruits Name in Sanskrit
10 fruits name in sanskrit with picture के इस आर्टिकल में आज हमने संस्कृत में 10 फलों के नाम के बारे में जाना, आशा करता हूँ की 10 fruits names in sanskrit का यह आर्टिकल आपको काफी अच्छा लगा होगा। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा यह आप हमे कमेंट में जरुर बताए साथ ही इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे।
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