“10 flowers name in sanskrit with picture” के इस आर्टिकल में आज हमलोग “10 फूलों के नाम संस्कृत में” जानने वाले है साथ ही उन सभी फूलों के बारे में पूरी जानकारी भी जानने वाले है।
10 Phoolon Ke Naam Sanskrit Mein
10 फूलों के नाम संस्कृत में (10 Flowers Name in Sanskrit)
SL No | Flowers Name in Hindi | Flowers Name in Sanskrit | Flowers Name in English | Flowers Picture |
1 | गुलाब | पाटलम् | Rose | |
2 | कमल | कुमुदम्, उत्पलम् | Lotus | |
3 | गेंदा फूल | स्थलपद्मम् | Marigold | |
4 | सूरजमुखी | दिवाकरः | Sun Flower | |
5 | चंपा | चम्पकम् | Magnolia | |
6 | चमेली | जातीपुष्प | Jasmine | |
7 | गुड़हल, जास्वंद | चित्रपुष्पी, सन्धिजा | Hibiscus | |
8 | गुलबहार | भृङ्गराज, मातृ | Daisy | |
9 | कुमुदनी | यूथिका, पद्मिनी, नलिनी | Lily | |
10 | मोगरा | मल्लिका | Mogra |
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दोस्तों जैसा की अभी हमने 10 फूलों के नाम संस्कृत में जाना ऐसे ही यदि आप फलों के नाम, सब्जियों के नाम, जानवरों के नाम, पक्षियों के नाम, शारीर के अंगो के नाम, रंगों के नाम, दिनों के नाम, महीनों के नाम, ग्रहो के नाम, संस्कृत में गिनती आदि के बारे में संस्कृत में जानना चाहते है तो संस्कृत में जानकारी पे क्लिक करे।
10 sanskrit mein phoolon ke naam
10 phoolon ke naam sanskrit mein
10 संस्कृत में फूलों के नाम और उनके बारे में जानकारी
पाटलम् (गुलाब)
गुलाब फूल को हम संस्कृत में पाटलम् कहते है वही गुलाब फूल को अंग्रेजी में Lotus कहा जाता है तथा गुलाब फूल का वैज्ञानिक नाम रोसा (Rosa) होता है। गुलाब एक बेहद ही सुंदर, खूबसूरत और मनमोहक फूल है। गुलाब का फूल ज्यादातर लाल रंग में पाया जाता है पर लाल रंग के अलावा भी गुलाब का फूल कई अन्य रंगों में भी पाया जाता है जैसे गुलाबी, नीला, सफ़ेद, पीला, हरा, काला, नारंगी, बैंगनी आदि। गुलाब का पौधा एक झाड़ीदार पौधा होता है जिसके टहनियों पे काफी सारे छोटे छोटे कांटे होते है। गुलाब फूल का पौधा एक ऐसा पौधा है जिसमे आपको फूल साल के हर महीने यानि सभी ऋतू में फूल खिलते हुए मिलेंगे। गुलाब का फूल अपनी सुंदरता और कोमलता के कारण काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। लाल गुलाब फूल को प्रेम का प्रतिक माना जाता है। पूरी दुनिया में प्रतेक साल 7 फ़रवरी को Rose Day के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग एक दुसरे को गुलाब का फूल दिया करते है। वही पीला गुलाब फूल को दोस्तों, हर्ष और नई शुरुआत का प्रतिक माना जाता है। जबकि सफेद गुलाब फूल को शांति, पवित्रता और मासूमियत का प्रतिक माना जाता है।
कुमुदम् (कमल)
कमल फूल को संस्कृत में कुमुदम् या उत्पलम् कहा जाता है वही कमल फूल को अंग्रेजी में Lotus कहा जाता है। तथा कमल फूल का वैज्ञानिक नाम Nelumbo Nucifera है। भारत मे कमल के फूल को ‘इंडियन लोटस’ या ‘सेक्रेड लोटस’ भी कहा जाता है। आपको बता दे की कमल फूल को हमारे देश भारत का राष्ट्रीय पुष्प घोषित किया गया है। कमल का फूल एक बहुत खूबसूरत, आकर्षक और मनमोहक फूल है। कमल का फूल तालाब, पोखर, झील आदि के कीचड़ या दलदल वाले जगहों में खिलता है। कमल फूल की पत्तियाँ गोल थाली के आकार की होती है जो पानी के सतह के ऊपर तेरती है। कमल का फूल पत्तियाँ के ऊपर पानी के बहार खिलता है। कमल का फूल बहुत की कोमल और सुंदर होता है। जो सामान्यतः सफेद, लाल, गुलाबी, पीला रंगों में पाया जाता है। कमल का फूल सुबह सूर्योदय होने पे खिलता है और शाम को सूर्यास्त होने के साथ ही यह मुरझा जाता है। कमल का फूल धन की देवी माँ लक्ष्मी का आसन है साथ ही भगवन ब्रह्मा जी भी कमल के फूल के ऊपर विराजमान रहते है इस कारण से कमल के फूल को बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है और इस कारण से कमल फूल का इस्तेमाल पूजा पाठ में किया जाता है। कमल का फूल शुद्धता, सुंदरता, धन, वैभव, समृधि, अनुग्रह, ज्ञान आदी का प्रतिक है।
स्थलपद्मम् (गेंदा फूल)
गेंदा फूल को संस्कृत में स्थलपद्मम् कहा जाता है वही गेंदा फूल को अंग्रेजी में Marigold कहा जाता है तथा गेंदा फूल का वैज्ञानिक नाम Tagetes है। गेंदा का फूल एक बहुत ही खुबसूरत और आकर्षक फूल होता है। गेंदा का फूल कई रंगों में पाया जाता है जिसमे से लाल और पीले रंगों के गुलाब ज्यादा पाए जाते है। गेंदा फूल का पौधा झाड़ीदार होता है जो सामान्यत: 2 से 3 फीट बड़ा होता है। गेंदा फूल के पौधा में फूल अक्तूबर से फ़रवरी महीने तक आती है पर कुछ कुछ किस्म के पोधे में फूल 12 महीने खिलते है। गेंदा की फूल का इस्तेमाल पूजा पाठ के साथ साथ सजावट में काफी ज्यादा उपयोग किया जाता है। बाजार में गेंदा फूल की मांग लगभग हर महीने काफी ज्यादा होती है जिस कारण से भारत में किसान काफी बड़ी मात्रा में गेंदे की फूलो की खेती करते है।
दिवाकरः (सूरजमुखी)
सूरजमुखी फूल को संस्कृत में दिवाकरः के नाम से जाना जाता है वही सूरजमुखी फूल को अंग्रेजी में Sun Flower कहा जाता है तथा सूरजमुखी फूल का वैज्ञानिक नाम Helianthus होता है। सूरजमुखी फूल का सबसे खास बात है है की इस फूल का मुख यानि मुँह हमेशा सूरज की ओर रहता है और यही कारण है की इस फूल का नाम सूरजमुखी पड़ा है। सूरजमुखी फूल का मुख दिन के समय सूरज की ओर रहता है और रात होते ही सूरजमुखी फूल का मुख नीचे की ओर झुक जाता है। सूरजमुखी का फूल आकर में अन्य फूलो से काफी बड़े होते है इस फूल का आकर सामान्यत: 7 से 15 सेंटीमीटर के बीच होता है। सूरजमुखी का फूल ज्यादातर पीले रंग के होते है। पीले रंग के अलावा भी यह बैंगनी और सफेद रंग में पाया जाता है। इस फूल के बीच वाले हिस्से से काफी सारा बीज होते है। सूरजमुखी फूल के बीज काले रंग के होते है जिससे उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य तेल निकलता है। सूरजमुखी फूल के पौधा में फूल गर्मियों के मौसम में यानी ग्रीष्म ऋतू में खिलते है।
चम्पकम् (चंपा)
चंपा फूल को संस्कृत में चम्पकम् कहा जाता है वही चंपा फूल को अंग्रेजी में Magnolia कहा जाता है तथा चंपा फूल का वैज्ञानिक नाम Michelia है। चंपा का फूल काफी सुंदर और बहुत ही सुगंधित होता है। चंपा फूल मे पांच पंखुड़िया होती है। चंपा का फूल सामान्यत: सफेद, गुलाबी, लाल, पिला, बैंगनी आदि रंगों में पाया जाता है। मुख्यतः चंपा का फूल पांच प्रकार के होते है सोन चंपा, नाग चंपा, कनक चंपा, सुल्तान चंपा और कटहरी चंपा। चंपा का फूल अपने सुगंध के कारण काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। चंपा का फूल अपने सुगंध से आसपास के वातावरण को खुशनुमा कर देते है। चंपा फूल का पेड़ झाड़ीदार छोटे पेड़ के आकार में होते है जिसकी ऊंचाई सामान्यत: 7 से 12 फीट तक होती है। चंपा का फूल गर्मियों के शुरूआती दिनों में यानी मई जून महीने में ज्यादातर खिलते है। चंपा फूल का इस्तेमाल कई प्रकार के सुगंधित प्रदाथो को बनाने में किया जाता है जैसे इत्र, अगरबत्ती, साबुन, आदि। साथ ही चंपा फूल में कई प्रकार के आयुर्वेदिक औषधीय गुण भी पाया जाता है जिस कारन से इसका इस्तेमाल कई प्रकार के आयुर्वेदिक औषधी में भी किया जाता है।
जातीपुष्प (चमेली)
चमेली फूल को संस्कृत में जातीपुष्प कहा जाता है वही चमेली फूल को अंग्रेजी में Jasmine कहा जाता है तथा चमेली फूल का वैज्ञानिक नाम Jasminum होता है। चमेली का फूल अपनी सुगंध के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। चमेली का फूल कई रंगों में पाया जाता है पर भारत में यह फूल सामान्यतः सफेद और गुलाबी रंगों में पाया जाता है। चमेली फूल का इस्तेमाल पूजा पाठ के साथ साथ सजावट में भी काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही चमेली के फूल से महिलाओ के बालो में बांधने वाला गजरा बनाया जाता है। चमेली पौधे में फूल फरवरी से अक्टूबर महीने के बीच में आते है जिसमे गर्मियों के दिनों में इसमें सबसे ज्यादा फूल खिलते है। चमेली फूल का पौधा झाड़ीदार बेल जाती का एक पौधा है जिसमे काफी सारे सुंदर सुंदर सुगंधित चमेली के फूल खिलते है। चमेली फूल की बेल लगभग 18 फीट से लेकर 35 फीट तक लम्बी होती है। वही चमेली का फूल लगभग 1 इंच जितना बड़ा होता है। आपको बता दे की चमेली फूल इंडोनेशिया देश का राष्ट्रीय पुष्प है।
चित्रपुष्पी (गुड़हल)
गुड़हल फूल को हम संस्कृत में चित्रपुष्पी या सन्धिजा के नाम से जानते है वही गुड़हल फूल का अंग्रेजी में नाम Hibiscus होता है तथा गुड़हल फूल का वैज्ञानिक नाम Hibiscus होता है। आपको बता दे की गुड़हल फूल को जास्वंद या जवाकुसुम भी कहा जाता है। गुड़हल फूल देखने में बहुत ही खुबसूरत और आकर्षक होते है। गुड़हल फूल में पांच पंखुड़ियाँ होती है वैसे तो गुड़हल फूल कई रंगों के होते है पर यह फूल ज्यादातर लाल रंगों में पाया जाता है वही कुछ कुछ दो रंगों के भी होते है जिसमे मध्य में लाल और किनारे में हल्का सफेद, हल्का पिला, हल्का गुलाबी या हल्का बैंगनी में से कोई एक रंग होता है। गुड़हल फूल का पौधा झाड़ीदार और छोटे आकार का वृक्ष जैसा होता है जो सामान्यत: लगभग 4 से 6 फीट जितने बड़े होते है। गुड़हल फूल का उपयोग पूजा पाठ में किया जाता है ऐसा माना जाता है माँ काली को यह फूल सबसे प्रिय है। जिस कारण से काली माँ के पूजा अर्चना में यह फूल का उपयोग खासकर किया जाता है। साथ ही सजावट में भी इस फूल का उपयोग किया जाता है। वैसे तो गुड़हल की फूल लगभग साल के सभी महीनो में पाए जाते है पर गर्मी के मौसम में यह कुछ ज्यादा ही फूल खिलते है।
भृङ्गराज (गुलबहार)
गुलबहार फूल को संस्कृत में भृङ्गराज या मातृ के नाम से जाना जाता है। वही गुलबहार फूल को अंग्रेजी में Daisy कहा जाता है जिसे संस्कृत में मातृ या भृङ्गराज के नाम से जाना जाता है वही गुलबहार फूल का वैज्ञानिक नाम Bellis Perennis है। गुलबहार का फूल एक बेहत ही सुंदर और आकर्षक फूल होता है। गुलबहार फूल के मध्य में पीला रंग होता है वही इसके चारो और सफेद रंग की काफी साड़ी पंखुड़ियां होती है। गुलबहार का फूल ज्यादातर शीत ऋतू और ग्रीष्म ऋतू के मौसम में पाए जाते है। सामान्यत: गुलबहार फूल का उपयोग पूजा पाठ में नहीं किया जाता है इसका उपयोग सजावट में काफी ज्यादा किया जाता है। गुलबहार फूल का पौधा घास जैसी होती है जो लगभग 2 से 3 फीट बड़ा होता है। गुलबहार फूल को खुलने के लिए धुप की आवश्यकता होती है सुबह सूर्योदय होते ही यह फूल खिलता है और शाम को सूर्यास्त के साथ ही यह फूल मुरझा जाता है। आपको बता दे की गुलबहार फूल को सच्चा मित्रता का प्रतिक माना जाता है।
पद्मिनी (कुमुदनी)
कुमुदनी फूल को संस्कृत में कई नामो से जाना जाता है जैसे यूथिका, पद्मिनी, नलिनी आदि वही कुमुदनी फूल का अंग्रेजी में नाम Lily होता है तथा कुमुदनी फूल का वैज्ञानिक नाम Lilium होता है। कुमुदनी का फूल अपनी सुंदरता, सुगंध और विशेष आकृति के कारण लोगो के द्वारा काफी ज्यादा पसंद किया जाता है। कुमुदनी फूल में के चारो ओर कई सारे पंखुड़ियाँ पाई जाती है। कुमुदनी फूल के पंखुड़ी के बहरी ओर गुलाबी या भूरे रंग की वर्णरेखाएँ होती है वही पंखुड़ी के अंदर की ओर सफेद या पीले रंग की आभा होती है। आपको बता दे की कुमुदनी के सभी किस्मो में सुगंध नहीं पाया जाता है। कुमुदनी के सफेद रंग के फूल में सुगंध पाया जाता है जबकि बाकी अन्य रंगों के कुमुदनी फूलो में सुगंध नहीं पाया जाता है। कुमुदनी फूल का उपयोग कई प्रकार के सजावट में किया जाता है। कुमुदनी का फूल ज्यादातर शीत ऋतू के शुरुआत के दिनों में यानी दिसम्बर महीने से खिलना शुरू होता है और मार्च महिना तक खिलता है। कुमुदनी फूल के पौधा का जीवनकाल लगभग पांच साल का होता है।
मल्लिका (मोगरा)
मोगरा फूल को संस्कृत में मल्लिका कहा जाता है वही मोगरा फूल को अंग्रेजी में Mogra ही कहा जाता है तथा मोगरा फूल का वैज्ञानिक नाम Jasminum Sambac होता है। मोगरा का फूल बहुत ही कोमल और सुगंधित होता है साथ ही यह फूल देखने में भी काफी सुंदर, आकर्षक होते है। मोगरा की फूल का उपयोग सुगंधित माला और महिलाओ के बालो में लगाने वाला गजरा बनाने के लिए किया जाता है साथ ही इस फूल का इस्तेमाल कई प्रकार के सुगंधित वस्तुओ जैसे इत्र, परफ्यूम, अगरबत्ती आदि बनाने के लिए भी किया जाता है। साथ ही मोगरा के फूल का उपयोग विभिन्न पूजा पाठ में भी किया जाता है तथा शादी में वर वधू के वरमाला बनाने के लिए मोगरा फूल का उपयोग किया जाता है। मोगरा फूल सामान्यत: सफेद रंग का होता है। मोगरा फूल का पौधा छोटे आकार का होता है जो ज्यादातर लगभग 2 से 3 फीट जितने बड़े होते है। आपको बता दे की मोगरा का फूल फिलिपिंस देश की राष्ट्रीय पुष्प है। मोगरा का फूल गर्मियों के मौसम में ज्यादा पाया जाता है।
FAQ on 10 flower name in sanskrit
गुलाब को संस्कृत में क्या कहते है?
गुलाब को संस्कृत में पाटलम् कहते है।
कमल को संस्कृत में क्या कहते है?
कमल को संस्कृत में कुमुदम् या उत्पलम् कहते है।
गेंदा फूल को संस्कृत में क्या कहते है?
गेंदा फूल को संस्कृत में स्थलपद्मम् कहते है।
सूरजमुखी को संस्कृत में क्या कहते है?
सूरजमुखी को संस्कृत में दिवाकरः कहते है।
चंपा को संस्कृत में क्या कहते है?
चंपा को संस्कृत में चम्पकम् कहते है।
चमेली को संस्कृत में क्या कहते है?
चमेली को संस्कृत में जातीपुष्प कहते है।
गुड़हल को संस्कृत में क्या कहते है?
गुड़हल को संस्कृत में चित्रपुष्पी या सन्धिजा कहते है।
गुलबहार को संस्कृत में क्या कहते है?
गुलबहार को संस्कृत में भृङ्गराज या मातृ कहते है।
कुमुदनी को संस्कृत में क्या कहते है?
कुमुदनी को संस्कृत में यूथिका, पद्मिनी या नलिनी कहते है।
मोगरा को संस्कृत में क्या कहते है?
मोगरा को संस्कृत में मल्लिका कहते है।
Conclusion on 10 Flowers Name in Sanskrit
10 flowers name in sanskrit के इस आर्टिकल में आज हमने 10 फूलों के नाम संस्कृत में जाना, आशा करता हूँ की आपको 10 phoolon ke naam sanskrit mein का यह आर्टिकल काफी अच्छा लगा होगा। आपको यह 10 names of flowers in sanskrit का यह आर्टिकल कैसा लगा यह आप हमे कमेंट में जरुर बताए साथ ही इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे।
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