“10 birds name in sanskrit with picture” के इस आर्टिकल में आज हमलोग “10 पक्षियों के नाम संस्कृत में” चित्र के साथ जानने वाले है यानि यदि आप “10 names of birds in sanskrit” या “10 pakshiyon ke naam sanskrit mein” सर्च कर रहे है तो आप बिलकुल सही आर्टिकल पे आए है इसमें आपको “संस्कृत में पक्षियों के नाम” के साथ साथ उन सभी पक्षियों के बारे में पूरी जानकारी भी जानने को मिलेगा।
10 Pakshiyon Ke Naam Sanskrit Mein
10 पक्षियों के नाम संस्कृत में (10 Birds Name in Sanskrit with Picture)
SL No | Birds Name in Hindi | Birds Name in Sanskrit | Birds Name in English | Birds Picture |
1 | मोर | मयूर: | Peacock | |
2 | तोता | शुकः | Parrot | |
3 | कबूतर | कपोतः | Pigeon | |
4 | शुतरमुर्ग | ऊष्ट्रपक्षी | Ostrich | |
5 | कोयल | कोकिलः | Cuckoo | |
6 | उल्लु | उलूकः | Owl | |
7 | चील | श्येनः | Eagle | |
8 | कौवा | काकः | Crow | |
9 | मैना | सरिकाः | Mynah | |
10 | मुर्गी | कुक्कुटी | Hen |
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दोस्तों जैसा की अभी हमने 10 पक्षियों के नाम संस्कृत में जाना ऐसे ही यदि आप जानवरों के नाम, फलों के नाम, फूलों के नाम, जानवरों के नाम, शारीर के अंगो के नाम, रंगों के नाम, दिनों के नाम, महीनों के नाम, ग्रहो के नाम, संस्कृत में गिनती आदि के बारे में संस्कृत में जानना चाहते है तो संस्कृत सीखे पे क्लिक करे।
10 sanskrit mein pakshiyon ke naam
10 संस्कृत में पक्षियों के नाम और उनके बारे जानकारी
मयूर: (मोर)
मोर को संस्कृत में मयूर: कहा जाता है वही मोर को अंग्रेजी में Peacock कहा जाता है तथा आपको बता दे की मोर का वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेटस (Pavo Cristatus) है। आपको यह भी बता दे की हमारे देश भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है, जो आनंद, अनुग्रह, सौंदर्य और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। मोर के पूंछ में काफी सारे रंग बिरंगे लंबे पंख होते है जो बहुत ही सुंदर, आकर्षक और मनमोहक होते है। मोर अपने खुबसूरत शानदार पूंछ के पंखों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। मोर, तीतर पक्षी परिवार का एक सदस्य है और भारत का मूल निवासी है जो एक बेहद खूबसूरत पक्षी है। नर मोर को मोर कहा जाता है और मादा को मोरनी कहा जाता है। मादा मोर की पूंछ में रंग बिरंगे लंबे पंख नहीं होते है। नर मोर मादा की तुलना में अधिक रंग बिरंगे खुबसूरत होता है। मोर एक बड़ा पक्षी है जिसकी लंबाई सामान्यत: 2 से 3 फीट और पंखों का फैलाव 4 से 5 फीट तक होता है। मोर पक्षी हिंदू धर्म से भी जुड़ा हुआ है और हिंदू धर्म में मोर पक्षी को भगवान कृष्ण का रूप माना जाता है। साथ ही कुछ हिंदू पौराणिक कथाओं में मोर को विद्या की देवी माँ सरस्वती से भी जोड़ा गया है। मोर पक्षी को सौभाग्य और समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है।
शुकः (तोता)
तोता को संस्कृत में शुकः कहा जाता है वही तोता को अंग्रेजी में Parrot कहा जाता है तथा तोता का वैज्ञानिक नाम की बात करे तो तोता का वैज्ञानिक नाम सिटासिफोर्मीस (Psittaciformes) होता है। आपको बता दे की पुरे दुनिया में पाले जाने वाले पक्षियों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय पक्षी में से एक पक्षी तोता है। आपको यह भी बता दे की पुरे दुनिया में तोता ही एक मात्र ऐसी पक्षी है जो हम इंसानों की तरह हमारी भाषा बोल सकता है। तोता अपने चमकीले रंग बिरंगे खुबसूरत पंख और मानव भाषा की नकल करने की उनकी क्षमता के कारण लोगो के द्वारा काफी पसंद किया जाता है। पूरी दुनिया में तोते की लगभग 350 से भी अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। तोता पक्षी सामान्यत: उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक संख्या में पाए जाते हैं। तोता अपना घोसला पेड़ो के खोखले टहनियों के अंदर बनाना पसंद करते है तथा तोता एक बार में सामान्यत: में 2 से 5 अंडे देते है। तोता एक शाकाहारी पक्षी है जो हर तरह के फल खाना पसंद करता है आम और अमरुद तो तोते को सबसे ज्यादा ज्यादा प्रिय फल होते हैं। साथ ही तोता को मिर्ची खाना बहुत ही ज्यादा पसंद होता है। एक तोते का जीवनकाल बाकी दुसरे पंछियों के तुलना में काफी अधिक होता है। आमतौर पर एक तोता औसतन 25 से 30 वर्ष तक जीवित रहते है।
कपोतः (कबूतर)
कबूतर को संस्कृत में कपोतः के नाम से जाना जाता है वही कबूतर को अंग्रेजी में Pigeon के नाम से जाना जाता है वही कबूतर का वैज्ञानिक नाम कोलंबिया लिविया डोमेस्टिका (Columba Livia Domestica) होता है। कबूतर एक बहुत ही प्यारा और खुबसूरत पक्षी है। कबूतर की खूबसूरती के कारण कबूतर को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण कबूतर का जिक्र कई पौराणिक कथाओं और फिल्मों में किया जाता है। कबूतर एक शांतिप्रिय पालतू सामाजिक पक्षी है जिस कारण से यह हम इंसानों के साथ हमारे हमारे घरो के आसपास झुंड में रहना पसंद करते है। यह बड़े बड़े महलों, मंदिरों, भवनों आदि जगहों पर रहा करते है। कबूतर देखने में बेहद खुबसूरत, प्यारा और आकर्षक होते है जिस कारण से पौराणिक समय से ही लोग कबूतर को पालते चले आ रहे है। कबूतर को एक शुभ पक्षी माना जाता है। हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है की जिस घर में कबूतर का वास होता है उस घर में धन की देवी माँ लक्ष्मी जी का वास होता है। कबूतर एक काफी समझदार और बुद्धिमान पक्षी है जिसकी याददाश्त बहुत ही तेज होती है यह एक बार जिस जगह को देख लेता है वह कभी नहीं भूलता है जिस कारन से पुराने जमाने में लोग एक जगह से दुसरे जगह पत्र भेजने के लिए कबूतर का इस्तेमाल किया करते थे।
ऊष्ट्रपक्षी (शुतुरमुर्ग)
शुतुरमुर्ग को संस्कृत में ऊष्ट्रपक्षी कहा जाता है वही शुतुरमुर्ग को अंग्रेजी में Ostrich कहा जाता है तथा शुतुरमुर्ग का वैज्ञानिक नाम स्ट्रुथिओ कॅमिलस (Struthio Camelus) होता है। आपको बता दे की शुतुरमुर्ग पुरे विश्व में पाए जाने वाला सबसे विशाल पक्षी है इसकी ऊंचाई क़रीब ढाई से तीन मीटर तक हो सकती है तथा इसका वज़न लगभग डेढ़ क्विंटल तक हो सकता है साथ ही इसके दोनों पंखों का फैलाव क़रीब दो मीटर तक हो सकता है। अपने विशाल शारीर के कारण शुतुरमुर्ग उड़ नहीं सकता यानि शुतुरमुर्ग एक उड़ान रहित पक्षी है। लेकिन यह काफी तेज रफ़्तार से दौड़ सकता है। एक शुतुरमुर्ग लगभग 70 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ सकता है। शुतुरमुर्ग एक ऐसा पक्षी है जिसके पास कई प्रकार की अनूठी विशेषताएं हैं।जैसे शुतुरमुर्ग पक्षी की आँखें अन्य किसी भी अन्य पक्षी की तुलना में काफी बड़े होते हैं साथ ही शुतुरमुर्ग पक्षी के अंडे अन्य किसी भी पक्षी के अंडे के तुलना में सबसे बड़े होते हैं। इसके लंबी गर्दन और पैर भी बहुत लम्बे लम्बे होते हैं। शुतुरमुर्ग मूल रूप से अफ्रीका का निवासी माना जाता है। शुतुरमुर्ग एक सर्वाहारी पक्षी है जो विभिन्न प्रकार के अनाज, पत्तियां, फल, फूल के साथ साथ छोटे कीड़े मकोड़े, छिपकलियां आदि खाते है।
कोकिलः (कोयल)
कोयल को संस्कृत में कोकिलः कहा जाता है वही कोयल का अंग्रेजी में Cuckoo कहा जाता है तथा कोयल का वैज्ञानिक नाम यूडाइनेमिस स्कोलोपेकस (Eudynamys Scolopaceus) होता है। कोयल की आवाज बहुत ही मधुर होता है। कोयल अपने मधुर आवाज के कारण लोगो के द्वारा काफी पसंद किया जाने वाला एक पक्षी है। सुबह सुबह कोयल की मधुर कु कु की आवास सुनना हर किसी को काफी अच्छा लगता है। कोयल एक सर्वाहारी पक्षी है जो छोटे जानवरों जैसे चूहा, गिलहरी, छुछुंदर, सांप आदि का शिकार करके तो खाते ही है साथ ही यह फल जैसे पपीता, अमरुद, कटहल आदि भी खाते है। कोयल एक बेहद ही चालाक और शातिर पक्षी होते है जो अपने अंडे देने के लिए कभी भी स्वयं घोसला नहीं बनाते है बल्कि यह बड़े ही चालाकी से ये अपने अंडे दुसरे पक्षियों के घोसले में दे देते है और वह पक्षी कोयल के अंडे को अपना अंडा समझ कर भरण पोषण करते है। आपको बता दे की भारत में कोयल की लगभग 21 तरह की अलग अलग प्रजातियाँ पाई जाती है वही पुरे विश्व में कोयल की लगभग 140 से भी अधिक प्रजातियाँ पाई जाती है।
उलूकः (उल्लू)
उल्लू को संस्कृत में उलूकः नाम से जाना जाता है वही उल्लू को अंग्रेजी में Owl के नाम से जाना जाता है तथा उल्लू का वैज्ञानिक नाम स्त्रिगिफॉर्मेस (Strigiformes) होता है। उल्लू अपनी गर्दन को पूरी तरह से पीछे मोड़ सकती है उल्लू एक मात्र ऐसी पक्षी है जी अपनी गर्दन को लगभग 270 डिग्री तक मोड़ सकती है। उल्लू एक ऐसा पक्षी है जो दिन के अपेक्षा रात को ज्यादा अच्छी तरह से देख सकता है उल्लू रात को अन्य पक्षियों के मुकाबले ज्यादा आसानी और साफ साफ देख सकते है। और यही कारण है की उल्लू पक्षी अपना भोजन करने के लिए शिकार दिन के अपेक्षा रात को ही ज्यादातर करते है। उल्लू एक मांसाहारी पक्षी है जो छोटे छोटे जानवरों जैसे चूहा, गिलहरी, छुछुंदर, सांप, आदि के साथ साथ रात में उड़ने वाले कीड़ो मकोड़े आदि का शिकार करके खाते है। आपको बता दे की हमारे भारत देश में उल्लू की लगभग 33 से भी अधिक प्रजातियाँ पाई जाती है वही पुरे विश्व में उल्लू की लगभग 200 से भी अधिक प्रजातियाँ पाई जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार हिंदू धर्म में उल्लू माँ लक्ष्मी जी का वाहन होते है और माँ लक्ष्मी जी को धन और समृधि का प्रतिक माना जाता है जिस कारन से हिंदू धर्म में उल्लू को भी धन और समृधि का प्रतिक माना जाता है।
श्येनः (चील)
चील को संस्कृत में श्येनः कहा जाता है वही चील को अंग्रेजी में Eagle और Kite कहा जाता है तथा चील का वैज्ञानिक नाम मिल्वुस मिग्रंस (Milvus Migrans) होता है। चील एक बेहद ही तेज, शातिर और खतरनाक शिकारी पक्षी है। चील की आंखें की रोशनी अन्य पक्षियों के मुकाबले काफी तेज होते है चील की आंखें हम इंसानों से 4 से 8 गुणा अधिक शक्तिशाली होते हैं। चील की आँखे इतने शक्तिशाली होते है की यह अपने शिकार को लगभग 5 किलोमीटर के दुरी से भी देख सकते है। चील आसमान में कई किलोमीटर ऊँचाई तक उड़ सकता है यह लगभग 10,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। चील के दोनों पैरो में बड़े बड़े नुकीले नाख़ून होते है जिसमे यदि एक बार कोई शिकार पकड़ा जाए तो फिर उससे छुट पाना नामुमकिन होता है। चील के पास एक मुड़ा हुआ काफी मजबूत चोंच होता है जो इसे एक काफी खतरनाक शिकारी बनाता है। चील एक मांसाहारी पक्षी है जो ज्यादातर सांप, गिलहरी, चूहा, मेढ़क, मच्छली आदि का शिकार करके खाते है। पुरे विश्व में चील की लगभग 60 से भी अधिक प्रजातियाँ पाई जाती है तथा इसकी सबसे जादातर प्रजातियाँ एशिया और अफ्रीका महाद्वीप में पाई जाती है।
काकः (कौवा)
कौवा को संस्कृत में काकः के नाम से जाना जाता है वही कौवा को अंग्रेजी में Crow के नाम से जाना जाता है तथा कौवा का वैज्ञानिक नाम कोर्वस (Corvus) होता है। कौवा के पुरे शारीर का रंग काला होता है और कौवा की आवाज बहुत ही कर्कश काँव काँव की होती है। कौवा की आवाज सुनना किसी को अच्छा नहीं लगता है इसलिए घरो के पास बैठते पर लोग इसे भगा देते है। कौवा एक सामाजिक पक्षी है जो हमेशा झुंड में रहना पसंद करते है। कौवा को एक चोर पक्षी कहा जाता है क्यूंकि यह खाना चोरी करने में बहुत ही माहिर होते है। कौवा दुसरे पक्षियों के घोसले से अंडा चुरा के खा जाते है। आपको बता दे की कौवा एक सर्वाहारी पक्षी पक्षी है जो चूहों, गिलहरी, छिपकली, छोटे पक्षियों, अंडे आदि को खाते है साथ ही यह चावल, रोटी आदि भी खाते है। कौवा को प्राकृतिक का सफाई कर्मी भी कहा जाता है क्यूंकि यह मारा गला चीजो को खाकर प्रकृति को साफ़ करती है। भारत में कौवा की लगभग 6 प्रजातियाँ पाई जाती है वही पुरे विश्व में कौवा की लगभग 50 से भी अधिक प्रजातियाँ पाई जाती है।
सरिकाः (मैना)
मैना को संस्कृत में सरिकाः कहा जाता है वही मैना को अंग्रेजी में Mynah कहा जाता है तथा मैना का वैज्ञानिक नाम एक्रिडोथेरेस ट्रिस्टिस (Acridotheres Tristis) होता है। आपको बता दे की मैना मूल रुप से दक्षिण एशियाई क्षेत्रो में पाए जाने वाला एक पक्षी है, जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान, नेपाल देशो में अधिक संख्या में पाए जाते है। हलाकि वर्तमान में यह पक्षी दुनिया के कई अन्य देशों मे भी पाए जाने लगे है। मैना एक ऐसा पक्षी है जो हमेशा झुंड में रहना पसंद करते है। मैना काफी संख्या में झुण्ड बना कर इंसानी शहरों और इंसानी बस्तियों के आस पास रहते हैं मैना जहाँ भी रहते है वहाँ बहुत ही शोर मचाते हैं। मैना एक बहुत ही आक्रामक और निडर पक्षी होता हैं जो अपने से कई गुना बड़े पक्षी से भी भीड़ जाते है। मैना एक बार में 4 से 5 अंडे देते है और मैना के अंडे का रंग हल्का नीला होता है। तथा इनके अंडो से चूजे लगभग 15 से 18 दिनों के अंदर बाहर निकल आते है। सामान्यत: एक मैना का जीवनकाल औसतन 12 वर्षो का होता है।
कुक्कुटी (मुर्गी)
मुर्गी को संस्कृत में कुक्कुटी के नाम से जाना जाता है वही मुर्गी को अंग्रेजी में Hen के नाम से जाना जाता है तथा मुर्गी का वैज्ञानिक नाम गैलस गैलस डोमेस्टिकस (Gallus Gallus Domesticus) होता है। मुर्गी का पंख उनके शारीर के आकार की तुलना में काफी छोटे होते है जिस कारण से मुर्गी उड़ नहीं सकते है यानि मुर्गी एक उड़न रहित पक्षी है। मुर्गी एक पालतू पक्षी है जिसे लोग ज्यादातर व्यवसाय के लिए पाला करते है। मुर्गी का अंडा काफी पौष्टिक गुणे से भरपूर होते है जिस कारण से लोग मुर्गी का अंडा खाना काफी ज्यादा पसंद करते है। एक मुर्गी औसतन एक साल में लगभग 280 अंडे देते है। मुर्गी के अंडे से चूजे निकलने में लगभग 21 दिनों का समय लगता है। वही नॉन वेजिटेरियन लोग मुर्गी के मांस को भी बड़े ही चाव से खाते है। आपको बता दे की पुरे दुनिया में इंसानों द्वारा सबसे ज्यादा खाया जाने वाला पक्षी मुर्गी है। अंटार्कटिका महाद्वीप और वेटिकन सिटी को छोड़ कर मुर्गी लगभग पुरे विश्व में पाए जाते है। मुर्गी एक सर्वाहारी पक्षी है जो अनाज के दाना चुनने के साथ साथ छोटे छोटे कीड़े मकोड़ो को भी खाते है। एक मुर्गी का जीवनकाल औसतन लगभग 18 महीनो का होता है।
FAQ on 10 Bird Name in Sanskrit
मोर को संस्कृत में क्या कहते है?
मोर को संस्कृत में मयूर: कहते है।
तोता को संस्कृत में क्या कहते है?
तोता को संस्कृत में शुकः कहते है।
कबूतर को संस्कृत में क्या कहते है?
कबूतर को संस्कृत में कपोतः कहते है।
शुतरमुर्ग को संस्कृत में क्या कहते है?
शुतरमुर्ग को संस्कृत में ऊष्ट्रपक्षी कहते है।
कोयल को संस्कृत में क्या कहते है?
कोयल को संस्कृत में कोकिलः कहते है।
उल्लु को संस्कृत में क्या कहते है?
उल्लु को संस्कृत में उलूकः कहते है।
चील को संस्कृत में क्या कहते है?
चील को संस्कृत में श्येनः कहते है।
कौवा को संस्कृत में क्या कहते है?
कौवा को संस्कृत में काकः कहते है।
मैना को संस्कृत में क्या कहते है?
मैना को संस्कृत में सरिकाः कहते है।
मुर्गी को संस्कृत में क्या कहते है?
मुर्गी को संस्कृत में कुक्कुटी कहते है।
Conclusion on 10 Birds Name in Sanskrit
10 birds name in sanskrit with picture के इस आर्टिकल में आज हमने 10 पक्षियों के नाम संस्कृत में जाना, आशा करता हूँ की 10 pakshiyon ke naam sanskrit mein का यह आर्टिकल आपको काफी अच्छा लगा होगा। 10 names of birds in sanskrit का यह आर्टिकल आपको कैसा लगा यह आप हमे कमेंट में जरुर बताए, साथ ही 10 bird name in sanskrit का इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे।
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