Aachar sanhita kya hai: हेल्लो दोस्तों 🙏 स्वागत है आपका इस आर्टिकल में, दोस्तों आज हम लोग बात करने वाले हैं आचार संहिता क्या है? साथ ही हम लोग aachar sanhita details in hindi के बारे में पूरी जानकारी जानने वाले हैं। जिसके लिए आप इस आर्टिकल पर आए हैं।
दोस्तों चुनाव का समय आते ही हमे आचार संहिता का नाम और चर्चा बहुत जगह सुनते को मिलने लगता है। ऐसे में जब हम आचार संहिता के बारे बार बार सुनते है तो हमारे दिमाग में यह सवाल आने लगता है की ये aachar sanhita kya hota hai? इसके नियम कानून क्या है किसके द्वारा लागू किया जा सकता है? कब लागू किया जाता है? क्यों लागू किया जाता है? आचार संहिता के फायदे क्या है नुकसान क्या है आदि।
दोस्तों यदि आपके मन में भी आचार संहिता क्या है? के बारे जानने की उत्सुकता है तो आप बिलकुल सही आर्टिकल पे आए है क्योंकि इस आर्टिकल में हमलोग अचार संहिता के बारे में पूरी जानकारी जानने वाले है।
तो चलिए दोस्तों सबसे पहले जानते है की achar sanhita kya hai?
आचार संहिता क्या है? (Achar sanhita kya hai)
आचार संहिता को भारतीय चुनाव का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा बनाया गया दिशा निर्देश होता है। आचार संहिता का अर्थ है चुनाव आयोग द्वारा चलाए जाने वाला वे दिशा निर्देश जिनको चुनाव के दौरान या फिर चुनाव समाप्त होने तक सभी पार्टियों और उम्मीदवारों को उन नियमों का पालन करना होता है। और इन नियमों पालन नहीं करने पर या इन नियमों का जिस पार्टी या उम्मीदवार ने उल्लंघन किया उसके लिए सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है। यहां तक कि उसको सजा के रूप में चुनाव लड़ने से भी रोका जा सकता है। जिन्होंने नियम का उल्लंघन किया है उसके खिलाफ चुनाव आयोग एफ आई आर दर्ज करवा सकते हैं। आचार संहिता का वास्ता उन नियमों से है जिसके तहत चुनाव में पार्टियों की और उम्मीदवारों के कार्यो पर नजर रखा जाता है। चुनाव आयोग जब चुनाव की घोषणा कर देती है तब उसी समय से आचार संहिता लागू कर दी जाती है और जब तक कि चुनाव प्रक्रिया और चुनाव का परिणाम जारी ना हो जाए तब तक लागु रहता है।
आचार संहिता के नियम कानून क्या क्या है?
आचार संहिता के नियम कानून को 5 भाग में बांटा गया है।
- चुनाव आचार संहिता के सामान्य नियम:-
- किसी भी पार्टी या उम्मीदवार द्वारा ऐसा काम नहीं किया जाना चाहिए जिससे समाज में किसी प्रकार का जाति धर्म या भाषा को लेकर भेदभाव उत्पन्न हो। यानी कि सभी लोगों को धर्मनिरपेक्ष काम करना होगा।
- किसी भी धार्मिक स्थल को चुनाव का प्रचार प्रसार के लिए मंच के रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- सभी पार्टियों को ध्यान रखना होगा कि जो भी विषय में बात हो वह केवल उन्हीं विषयों पर हो जो चुनाव में काम आ सके यानी कि व्यक्तिगत बातों के बारे में कोई चर्चा नहीं होनी चाहिए।
- सभी पार्टियों को ध्यान में रखना होगा कि वह किसी भी प्रकार का गलत या गैरकानूनी काम ना करें जैसे कि चुनाव जीतने के लिए रिश्वत देना, मतदाताओं पर किसी प्रकार का दबाव देना या उन्हें परेशान करना।
- चुनावी कार्यक्रम के लिए बिना अनुमति के किसी का दीवार या भूमि का उपयोग नहीं कर सकते है।
- राजनीतिक दल कोई ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे किसी प्रकार की धर्म या जातीय भेदभाव की बात आए। यानी धर्म या जाति को लेकर राजनीतिक दल अपनी पार्टी की और आकर्षित करने का प्रयास नहीं करेंगे और ना ही किसी मतदाता पर जोर लगाएंगे कि वह उन्हीं को वोट दें।
- राजनीतिक सभाओं के लिए नियम:-
- अगर पार्टी किसी सभा का आयोजन करना चाहता है तो सभा के आयोजन से पहले जिस स्थान पर सभा का आयोजन करना है उस स्थान पर आयोजन करने के लिए पुलिस से आज्ञा लेनी होगी।
- अगर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो पहले ही पुलिस से आज्ञा ले लेनी होगी तभी आप लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर सकते हैं अन्यथा आपके ऊपर कार्रवाई की जा सकती है।
- अगर कोई व्यक्ति सभा में विघ्न डालने की कोशिश करता है तो उससे निबटने में आप पुलिस की सहायता करें।
- रैली के लिए नियम:-
- रैली कितना समय तक रहेगा इसकी जानकारी पुलिस को दे दिया जाए।
- रैली किस स्थान से शुरू होने वाला है और किस जगह समाप्त होगी उस मार्ग की जानकारी दी पुलिस को दे दिया जाए।
- रैली के दौरान यातायात में किसी प्रकार की रूकावट या प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
- रैली को सड़क के दाएं और से ही निकाला जाए और रैली में किसी प्रकार का खतरनाक चीज जैसे चाकू आदि ले जाना वर्जित रहेगा।
- मतदान के लिए नियम:-
- जो भी व्यक्ति मतदान करने आएगा उसे अपना पहचान पत्र दिखाना आवश्यक है।
- वोट दी जाने वाली पर्ची पर किसी भी पार्टी का चुनाव चिन्ह या नाम नहीं लिखा होना चाहिए।
- मतदान के दिन या उससे 24 घंटे पहले किसी भी प्रकार का शराब का वितरण नहीं होना चाहिए।
- मतदान केंद्र के पास भीड़ नहीं लगाना है बारी-बारी सभी मतदान करें।
- मतदान का केंद्र साधारण होना चाहिए।
- मतदान के दिन वाहन चलाने वाले पर उसका परमिट अवश्य प्राप्त कर लें।
- सत्ताधारी दल के लिए नियम:-
- मंत्री पार्टी का प्रचार को सरकारी दौरो से नहीं जोड़ना चाहिए। पार्टी का प्रचार के लिए किसी भी सरकारी मशीन या कर्मचारी का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
- किसी भी प्रकार के सरकारी वाहन या विमान को पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है।
- सभा करने के लिए स्थान या हेलीपैड बनाने के लिए किसी मैदान पर सत्ता दल के एक का अधिकार नहीं होगा। अन्य दलों को भी उसे नियम और शर्तों को मानना होगा।
- सरकारी धन से किसी भी पार्टी का प्रचार प्रसार करने के लिए टीवी चैनलों या समाचार पत्रकारों को विज्ञापन का ख़र्च नहीं दिया जाएगा।
- सरकार द्वारा बनाए गए विश्राम के लिए घर, डाक, बंगले, सरकारी स्थल तथा अन्य सरकारी स्थलों पर राजनीतिक दल का एकाधिकार नहीं होगा।
- अगर मंत्री कहीं भ्रमण करने जाते हैं तो उनके साथ उनके सुरक्षा के लिए गार्ड भी जाएगी और मंत्रियों को एक सीक्रेट रूम में रखा जाएगा।
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आचार संहिता किसके द्वारा लागू किया जाता है?
चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता लागू किया जाता है। जिसका पालन सभी राजनीतिक दलों और पार्टियों को करना होता है और इसका उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है।
आचार संहिता कब लागू किया जाता है?
जैसे ही चुनाव की तारीख की घोषणा की जाती है उसी समय आचार संहिता लागू कर दी जाती है ताकि सही तरीके से चुनाव समपर्ण किया जा सके।
आचार संहिता लागू क्यों किया जाता है?
चुनाव में आचार संहिता लागू किया जाता है ताकि भारतीयों के बीच किसी प्रकार का भेदभाव ना हो, चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो तथा किसी भी प्रकार का गलत काम ना हो सके।
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आचार संहिता के फायदे क्या है?
- आचार संहिता होने से लोकतंत्र में अनुशासन बना रहता है। आचार संहिता होने से चुनाव में होने वाली समस्याएं दूर हो सकती है।
- आचार संहिता होने से नियम कानून पार्टियों को बांधे रखता है जिससे किसी भी प्रकार का गलत कार्य नहीं हो सकता है। जैसे कि रिश्वत देना दबाव डालना आदि।
- आचार संहिता के अंतर्गत अगर आप किसी नियम को तोड़ते हैं तो आपके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी इस डर से सभी लोग अनुशासन में रहते हैं।
- आचार संहिता होने से निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव किया जा सकता है।
- आचार संहिता होने से आम जनता जो मत देने आते हैं वह भी आराम से वोट डाल सकते हैं बिना किसी दबाव के।
- आचार संहिता में सरकारी पैसे का इस्तेमाल करके अपने पार्टी का विज्ञापन कराने की मनाही होती है।
- आचार संहिता में चुनाव का प्रचार प्रसार के दौरान व्यक्तिगत बातें करने की मनाही होती है।
- आचार संहिता में किसी भी धर्म को लेकर चुनाव करने के लिए आकर्षित करने पर पाबंदी होती है।
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आचार संहिता के नुकसान क्या है?
आचार संहिता के नुकसान तो नहीं है फिर भी आचार संहिता लागू होने पर मुख्यमंत्री या मंत्री किसी प्रकार का घोषणा नहीं कर सकते यह आम जनता के लिए कभी नुकसान भी हो सकता है।
आचार संहिता का उल्लंघन करने पर क्या सजा दिया जा सकता है?
आचार संहिता का उल्लंघन करने पर आपको ₹2000 से अधिक जुर्माना लगेगा या फिर 6 महीने की जेल भी आपको हो सकती है उन्हें चुनाव लड़ने से वंचित किया जा सकता है। अगर आपने कुछ बड़ा अपराध किया तो आप को आजीवन कारावास भी हो सकती है इसलिए चुनाव के दौरान या फिर आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी प्रकार का नियम के उल्लंघन करने का कोशिश ना करें नहीं तो आपको बहुत बड़ी परेशानी हो सकती है।
तो दोस्तों यह है आचार संहिता की पूरी जानकारी जिसमें हमलोग आचार संहिता के बारे में वह सारी जानकारी के बारे में जाने जिसकी आपको तलाश थी। दोस्तो आशा करती हूं कि आप आचार संहिता से जुड़ी दी गई जानकारी से आप संतुष्ट है और आपके मन में आचार संहिता से जुड़े जितने भी सवाल थे सारे सवालों के जवाब मिल गया होगा।
आचार संहिता क्या होता है?
आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा बनाया गया दिशा निर्देश है। आचार संहिता का अर्थ है चुनाव आयोग द्वारा चलाए जाने वाला वे दिशा निर्देश जिनको चुनाव के दौरान या फिर चुनाव समाप्त होने तक सभी राजनितिक पार्टियों और उम्मीदवारों को उन नियमों का पालन करना होता है।
आचार संहिता को कौन लागु करते है?
आचार संहिता को चुनाव आयोग लागु करते है।
आचार संहिता कब लागु होता है?
जैसे ही चुनाव की तारीख की घोषणा की जाती है उसी समय से आचार संहिता लागू कर दी जाती है।
इनके अलावा भी दोस्तो अगर आपके मन मेंआचार संहिता से जुड़ी किसी भी प्रकार का सवाल है तो आप हमें comments करके पूछ सकते है और मै पूरा कोशिश करूंगी की आपके सारे सवालों का जवाब दे सकूं।
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