Shree Ram Ke 108 Naam | भगवान श्रीराम के 108 नाम अर्थ सहित

Shree Ram Ke 108 Naam: जय श्रीराम, भगवान श्रीराम के चरणों को मेरा सादर प्रणाम। साथ ही आप सभी राम भक्तो को मैं मैं सादर प्रणाम और इस आर्टिकल में स्वागत करता हूँ। भगवान श्री राम, हिंदू धर्म के प्रमुख आदर्श और ऐतिहासिक व्यक्तित्व हैं। वे दशरथ और कौशल्या के पुत्र, अयोध्या के राजा थे। भगवान श्रीराम, भगवान श्रीविष्णु के 10 अवतारों में 7वां अवतार हैं। आज हम Shree ram ke 108 naam के इस आर्टिकल में भगवान श्रीराम के 108 नाम अर्थ सहित जानने वाले है।

भगवान श्रीराम के 108 नाम अर्थ सहित (Shree ram ke 108 naam)

क्रम स०श्री राम के नामश्री राम के नाम के अर्थ
1श्रीरामजिनमें योगीजन रमण करते हैं
2राघवरघुकुल में अवतीर्ण
3रामभद्रकल्याणमय राम
4रामचन्द्रचंद्रमा के समान आनन्दमयी एवं मनोहर राम
5श्रीमान् राजेन्द्रचक्रवर्ती सम्राट, श्री सम्पन्न राजाओं के भी राजा
6शाश्वतसनातन राम
7राजीवलोचनकमल के समान नेत्रोंवाले
8जनार्दनसम्पूर्ण मनुष्यों द्वारा याचना करने योग्य
9रघुपुङ्गवरघुकुल में श्रेष्ठ
10जानकीवल्लभजनककिशोरी सीता के प्रियतम
11जैत्रविजयशील
12जितामित्रशत्रुओं को जीतनेवाला
13बालिप्रमथनबालि नामक वानर को मारनेवाले
14विश्वामित्रप्रियविश्वामित्रजी के प्रियतम
15जितेंद्रायेविजेताओं का स्वामी, जो इन्द्र को जीत सकते हैं
16शरण्यत्राणतत्परशरणागतों के रक्षा में तत्पर
17कौसलेयकौसल्याजी के पुत्र
18वाग्मीअच्छे वक्ता
19सत्यवाक्सत्यवादी
20सत्यविक्रमसत्य पराक्रमी
21सत्यव्रतसत्य का दृढ़ता पूर्वक पालन करनेवाले
22व्रतफलसम्पूर्ण व्रतों के प्राप्त होने योग्य फलस्वरूप
23सदा हनुमदाश्रयहनुमानजी के ह्रदयकमल में निवास करनेवाले
24दशग्रीवशिरोहरदशशीश रावण के मस्तक काटनेवाले
25खरध्वंसीखर नामक राक्षस का नाश करनेवाले
26विराधवध-पण्डितविराध नामक दैत्य का वध करने में कुशल
27विभीषण-परित्राताविभीषण के रक्षक
28वेदात्मावेदस्वरूप
29सप्ततालप्रभेतासात ताल वृक्षों को एक ही बाण से बींध डालनेवाले
30हरकोदण्ड- खण्डनजनकपुर में शिवजी के धनुष को तोड़नेवाले
31जामदग्न्यमहादर्पदलनपरशुरामजी के महान अभिमान को चूर्ण करनेवाले
32ताडकान्तकृतताड़का नामवाली राक्षसी का वध करनेवाले
33वेदान्तपारवेदान्त के पारंगत विद्वान अथवा वेदांत से भी अतीत
34त्रिविक्रमजिसका तीन प्रगति पूरी दुनिया को कवर किया
35भवबन्धैकभेषजसंसार बन्धन से मुक्त करने के लिये एकमात्र औषधरूप
36दूषणप्रिशिरोsरिदूषण और त्रिशिरा नामक राक्षसों के शत्रु
37त्रिमूर्तिब्रह्मा,विष्णु और शिव- तीन रूप धारण करने वाले
38त्रिगुणत्रिगुणस्वरूप अथवा तीनों गुणों के आश्रय
39त्रयीतीन वेदस्वरूप
40अहल्यापावनअहल्याको पवित्र करनेवाले
41त्रिलोकात्मातीनों लोकों के आत्मा
42पुण्यचारित्रकीर्तनजिनकी लीलाओं का कीर्तन परम पवित्र हैं
43त्रिलोकरक्षकतीनों लोकों की रक्षा करने वाले
44धन्वीधनुष धारण करनेवाले
45दण्डकारण्यवासकृत्दण्डकारण्य में निवास करनेवाले
46ऋक्षवानरसंघातीवानर और भालुओं की सेना का संगठन करने वाले
47पितृभक्तपिता के भक्त
48वरप्रदवर देनेवाले
49जितेन्द्रियइन्द्रियों को काबू में रखने वाले
50जितक्रोधक्रोध को जीतने वाले
51जितलोभलोभ की वृत्ति को परास्त करनेवाले
52जगद्गुरुअपने आदर्श चरित्रों से सम्पूर्ण जगत् को शिक्षा देने वाले
53मृतवानरजीवनमरे हुए वानरों को जीवित करनेवाले
54चित्रकूट– समाश्रयवनवास के समय चित्रकूट पर्वत पर निवास करनेवाले
55जयन्तत्राणवरदजयन्त के प्राणों की रक्षा करके उसे वर देनेवाले
56सुमित्रापुत्र- सेवितसुमित्रानन्दन लक्ष्मण के द्वारा सेवित
57सर्वदेवाधिदेवसम्पूर्ण देवताओं के भी अधिदेवता
58ब्रह्मण्यब्राह्मणों के हितैषी
59मायामारीचहन्तामारीच नामक राक्षस का वध करने वाले
60महाभागमहान सौभाग्यशाली
61महाभुजबड़ी- बड़ी बाँहोंवाले
62सर्वदेवस्तुतसम्पूर्ण देवता जिनकी स्तुति करते हैं
63सौम्यशांतस्वभाव
64महापुरुषसमस्त पुरुषों मे महान
65मुनिसत्तममुनियों मे श्रेष्ठ
66महायोगीसम्पूर्ण योगों के अधीष्ठान होने के कारण महान योगी
67महोदरपरम उदार
68सुग्रीवस्थिर-राज्यपदसुग्रीव को स्थिर राज्य प्रदान करनेवाले
69सर्वपुण्याधिकफलप्रदसमस्त पुण्यों के उत्कृष्ट फलरूप
70स्मृतसर्वाघनाशनस्मरण करनेमात्र से ही सम्पूर्ण पापों का नाश करनेवाले
71आदिपुरुषकिसी वंश या साम्राज्य की पहली कड़ी
72पूर्वभाषीपूर्ववक्ता
73परमपुरुषसर्वोत्कृष्ट पुरुष
74पुण्योदयपुण्य को प्रकट करनेवाले
75महासारसर्वश्रेष्ठ सारभूत परमात्मा
76पुराणपुरुषोत्तमपुराणप्रसिद्ध क्षर-अक्षर पुरुषों से श्रेष्ठ लीलापुरुषोत्तम
77स्मितवक्त्रजिनके मुखपर सदा मुस्कान की छटा छायी रहती है
78मितभाषीकम बोलने वाले
79मायामानुषचारित्रअपनी मायाका आश्रय लेकर मनुष्योंकी-सी लीलाएँ करनीवाले
80महादेवाभिपूजितभगवान शंकर के द्वारा निरन्तर पूजित
81अनन्तगुण गम्भीरअनन्त कल्याणमय गुणों से युक्त एवं गम्भीर
82धीरोदात्तगुणोत्तरधीरोदात्त नायकके लोकोतर गुणों से युक्त
83श्यामाङ्गश्याम विग्रहवाले
84सुन्दरपरम मनोहर
85सेतुकृतसमुद्रपर पुल बाँधनेवाले
86जितवारीशसमुद्र को जीतने वाले
87सर्वतीर्थमयसर्वतीर्थस्वरूप
88हरिपाप-ताप को हरनेवाले
89सर्वाघगणवर्जितसमस्त पाप-राशियों से रहित
90सच्चिदानन्दविग्रहसत्, चित् और आनन्द के स्वरूप का निर्देश कराने वाले
91शूरअनुपम शौर्यसे सम्पन्न वीर
92पीतवासापीताम्बरधारी
93धनुर्धरधनुष धारण करने वाले
94सर्वयज्ञाधिपसम्पूर्ण यज्ञों के स्वामी
95यज्ञयज्ञ स्वरूप
96जरामरणवर्जितबुढ़ापा और मृत्यु से रहित
97शिवलिंगप्रतिष्ठातारामेश्वर नामक ज्योतिर्लिंग की स्थापना करनेवाले
98सर्वभूतात्मकसर्वभूतस्वरूप
99परं ज्योतिपरम प्रकाशमय,परम ज्ञानमय
100परं धामसर्वोत्कृष्ट तेज अथवा साकेतधामस्वरूप
101पराकाशत्रिपाद विभूतिमें स्थित परमव्योम नामक वैकुण्ठधामरूप
102परात्परपर- इन्द्रिय, मन, बुद्धि आदि से भी परे परमेश्वर
103परेशसर्वोत्कृष्ट शासक
104पारगसबको पार लगाने वाले
105पारसबसे परे विद्यमान
106परमात्मापरम आत्मा
107रामचन्द्रचाँद की तरह नेक
108शिवपरम कल्याणमय

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FAQ Shree ram ke 108 naam se jude

भगवान श्रीराम के कितने नाम है?

भगवान श्रीराम के 108 नाम है।

भगवान श्रीराम किसके अवतार है?

भगवान श्रीराम भगवान श्रीविष्णु के अवतार है।

रामायण की रचना किसने की है?

महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की है।

निष्कर्ष (श्रीराम के 108 नाम)

Shree ram ke 108 naam के इस आर्टिकल में आज हमने भगवान श्रीराम के 108 नाम अर्थ सहित जाना, आशा करता हूँ ही 108 names of lord rama in hindi का यह आर्टिकल आप सभी राम भक्तो को काफी अच्छा लगा होगा। इसी प्रकार के और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमे सब्सक्राइब करे और श्रीराम के नाम के इस आर्टिकल को अपने यार दोस्तों को शेयर जरुर करे।

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जय श्रीराम…

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