Maa saraswati ke 108 naam: जय माँ सरस्वती, माँ सरस्वती के चरणों में मेरा सादर प्रणाम, साथ ही आप सभी माँ सरस्वती के भक्तो को मैं प्रणाम करता हूँ और आपका इस Maa saraswati ke 108 naam के आर्टिकल में स्वागत करता हूँ। माँ सरस्वती हिन्दू धर्म में देवी सरस्वती के रूप में पूजी जाने वाली एक प्रमुख देवी हैं। माँ सरस्वती ज्ञान, कला, संगीत, वाणी, विद्या और बुद्धि की देवी मानी जाती हैं। माँ सरस्वती संगीत, कला और विद्या की प्रेरणा स्वरूप हैं और उन्हें ज्ञान की देवी के रूप में पूजा जाता हैं। सरस्वती देवी का प्रतीक बहुत सुंदर है। उन्हें वीणा , पुस्तक, माला, शंख और कमल के साथ दिखाया जाता हैं। उनका वाहन हंस होता हैं, जो ज्ञान का प्रतीक हैं। Maa saraswati ke 108 naam के इस आर्टिकल में आज हमलोग माँ सरस्वती के 108 नाम अर्थ सहित जानने वाले है।
माँ सरस्वती के 108 नाम अर्थ सहित (Maa saraswati ke 108 naam)
क्रम स० | माँ सरस्वती के नाम | माँ सरस्वती के नाम के अर्थ |
1 | सरस्वती | ज्ञान की देवी, ज्ञान, कला और संगीत की प्रतिष्ठित देवी। |
2 | महाभद्रा | महान और शुभ देवी, जो सबका भलाई करती हैं। |
3 | महामाया | महान और आश्चर्यमयी देवी, जो सबकी मोहिनी हैं। |
4 | वरप्रदा | वरदान देने वाली, जो अनुग्रह करती हैं। |
5 | श्रीप्रदा | श्री (श्रीमान्यता) को प्रदान करने वाली, जो श्रीमान्यता को देती हैं। |
6 | पद्मनिलया | पद्म (कमल) में विराजमान, जो कमल में निवास करती हैं। |
7 | पद्माक्षी | कमलाक्षी, जिनकी आंखें कमल की तरह हैं। |
8 | पद्मवक्त्रगा | कमल की वक्त्र (मुख) वाली, जिनका मुख कमल की आकृति में हैं। |
9 | शिवानुजा | शिव की सहज संजात बहन, जो शिव की संजात हैं। |
10 | पुस्तकधृत | पुस्तक (ज्ञान के प्रतीक) को धारण करने वाली, जो ज्ञान की पुस्तक को धारण करती हैं। |
11 | ज्ञानमुद्रा | ज्ञान की मुद्रा धारिणी, जो ज्ञान को प्रकट करती हैं। |
12 | रमा | आरामदायिनी, जो आराम देती हैं और सुखदायिनी हैं। |
13 | परा | परम तत्त्व, जो सबसे ऊँची हैं और परात्पर हैं। |
14 | कामरूपा | कामनाओं की प्राप्ति करने वाली, जो सभी रूपों में प्रकट होती हैं। |
15 | महाविद्या | महान विद्या, जो सबसे ऊँची और महान हैं। |
16 | महापातकनाशिनी | महान पापों को नष्ट करने वाली, जो पापों पातकों का नाश करती हैं। |
17 | महाश्रया | महान आश्रय, जो सबका महान आधार हैं। |
18 | मालिनी | मलिनता से रहित, जो पवित्र और शुद्ध हैं। |
19 | महाभोगा | महान भोग, जो सभी भोगों का आनंद प्रदान करती हैं। |
20 | महाभुजा | महान बाहुओं वाली, जिनकी बाहें महान हैं और सबको संभालती हैं। |
21 | महाभागा | महान भाग्यशाली, जो सबको महान भाग्य प्रदान करती हैं। |
22 | महोत्साहा | महान उत्साह, जो महान उत्साह प्रदान करती हैं। |
23 | दिव्याङ्गा | दिव्यांगी, जिनके शरीर दिव्यता से युक्त हैं और पवित्र हैं। |
24 | सुरवन्दिता | देवताओं द्वारा पूजित, जिन्हें देवताएं प्रणाम करती हैं। |
25 | महाकाली | महाकाली, शक्तिशाली और भयंकर स्वरूप की देवी। |
26 | महापाशा | महान पाश, जो सब बंधनों को तोड़ती हैं। |
27 | महाकारा | महान कर्ता, जो महान कार्य करती हैं और सृजनशील हैं। |
28 | महाङ्कुशा | महान अंकुश, जो सबको नियंत्रित करती हैं और रोकती हैं। |
29 | सीता | रामायण में प्रसिद्ध माता सीता, जो मानवीयता, पतिव्रता और सामरिक गुणों की प्रतिष्ठित देवी हैं। |
30 | विमला | शुद्ध, निर्मल और पवित्र, जो शुद्धता की प्रतिष्ठा हैं। |
31 | विश्वा | समस्त विश्व की, जो सबकी माता हैं और सबका पालन करती हैं। |
32 | विद्युन्माला | ज्ञान की माला धारण करने वाली, जो ज्ञान की माला को पहनती हैं। |
33 | वैष्णवी | विष्णु की शक्ति, जो विष्णु की सहज संजाता हैं। |
34 | चन्द्रिका | चंद्रिका, जो चंद्र की तरह प्रकाशमान होती हैं और मनोहारी हैं। |
35 | चन्द्रवदना | चंद्रमा के समान चेहरा वाली, जिनका चेहरा चंद्रमा की तरह सुंदर हैं। |
36 | चन्द्रलेखाविभूषिता | चंद्रलेखा से सजी हुई, जिनकी आंखों पर चंद्रलेखा हैं। |
37 | सावित्री | सावित्री, जो सतीत्व, पतिव्रता और त्याग की प्रतिष्ठित देवी हैं। |
38 | सुरसा | सुरों की देवी, जो सुरों की मधुरता का प्रतिष्ठान करती हैं। |
39 | देवी | देवी, जो सर्वोच्च देवता हैं और सबकी पूजा की जाती हैं। |
40 | दिव्यालङ्कारभूषिता | दिव्य आभूषणों से अलंकृत, जो दिव्य आभूषणों से सजी हुई हैं। |
41 | वाग्देवी | वाणी की देवी, जो वाणी का स्वरूप हैं और वाणी की सहायता प्रदान करती हैं। |
42 | वसुधा | पृथ्वी की देवी, जो पृथ्वी का संरक्षण करती हैं और उसका सृजन करती हैं। |
43 | तीव्रा | तीक्ष्णता से युक्त, जो तीव्रता का प्रतीक हैं और ज्ञान की उज्ज्वलता प्रदान करती हैं। |
44 | महाभद्रा | महान भद्रा, जो सबको सुरक्षा देती हैं और भद्रता की प्रतिष्ठा हैं। |
45 | महाबला | महान शक्तिशाली, जो सबको बल प्रदान करती हैं और स्थायित्व की प्रतिष्ठा हैं। |
46 | भोगदा | भोगों की देवी, जो भोगों का प्रदान करती हैं और आनंद की प्रतिष्ठा हैं। |
47 | भारती | ज्ञान की देवी, जो ज्ञान की प्रतिष्ठा हैं और विद्या का प्रदान करती हैं। |
48 | भामा | प्रकाशमान, जो तेजस्विनी हैं और चमक की प्रतिष्ठा हैं। |
49 | गोविन्दा | गोविंद की देवी, जो गोविंद की प्रतिष्ठा हैं और सबको संरक्षण प्रदान करती हैं। |
50 | गोमती | गंगा नदी की शाखा, जो पवित्रता का प्रतीक हैं और उद्धार का संकेत करती हैं। |
51 | शिवा | शिव की देवी, जो शिव की सहज संजाता हैं। |
52 | जटिला | जटिल, जो जटिलता के साथ जुड़ी हुई हैं और ज्ञान के गहनता को प्रतिष्ठित करती हैं। |
53 | विन्ध्यवासा | विन्ध्य पर्वतों में निवास करने वाली, जो विन्ध्य पर्वतों की संरक्षक हैं। |
54 | विन्ध्याचलविराजिता | विन्ध्याचल पर्वतों में विराजमान, जो विन्ध्याचल पर्वतों की प्रतिष्ठा हैं। |
55 | चण्डिका | मां दुर्गा की एक रूप, जो शक्ति का प्रतीक हैं और संकटों का नाश करती हैं। |
56 | वैष्णवी | विष्णु की शक्ति, जो विष्णु की सहज संजाता हैं। |
57 | ब्राह्मी | ब्रह्मा की देवी, जो ब्रह्मा की सहज संजाता हैं और सृष्टि का प्रदान करती हैं। |
58 | ब्रह्मज्ञानैकसाधना | ब्रह्मज्ञान की एकाग्रता, जो ब्रह्मज्ञान के साधना में लगी हुई हैं। |
59 | सौदामिनी | सौदामिनी, जो मनोहारी हैं और सौंदर्य की प्रतिष्ठा हैं। |
60 | सुधामूर्ति | अमृत स्वरूप, जो अमृत की सौंदर्यमयी विग्रह हैं। |
61 | सुभद्रा | सुभद्रा, जो सबको शुभ देती हैं और मंगल की प्रतिष्ठा हैं। |
62 | सुरपूजिता | सुरों द्वारा पूजित, जो देवताओं की पूजा की जाती हैं और दिव्यता की प्रतिष्ठा हैं। |
63 | सुवासिनी | सुंदर गंध वाली, जो सुगंध का प्रतीक हैं और सुखदायिनी हैं। |
64 | सुनासा | सुन्दर नासिका वाली, जो सुंदरता की प्रतिष्ठा हैं और सौंदर्य का प्रदान करती हैं। |
65 | विनिद्रा | निद्रा से रहित, जो जागृतता का प्रतीक हैं और ज्ञान की प्रदान करती हैं। |
66 | पद्मलोचना | पद्म के समान नेत्र वाली, जो पद्म की प्रतिष्ठा हैं और दिव्यता का प्रकटन करती हैं। |
67 | विद्यारूपा | ज्ञान की रूप, जो ज्ञान की प्रतिष्ठा हैं और विद्या का प्रदान करती हैं। |
68 | विशालाक्षी | विशाल नेत्रों वाली, जो बड़े नेत्रों की प्रतिष्ठा हैं और दिव्यता का प्रकटन करती हैं। |
69 | ब्रह्मजाया | ब्रह्मा की जननी, जो ब्रह्मा की प्रतिष्ठा हैं और ज्ञान का प्रदान करती हैं। |
70 | महाफला | महान फलदायिनी, जो महत्वपूर्ण फल का प्रदान करती हैं और साधना का प्रतीक हैं। |
71 | त्रयीमूर्ती | त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, शिव) की स्वरूपिणी, जो त्रिमूर्तियों का प्रतिष्ठा हैं। |
72 | त्रिकालज्ञा | तीनों कालों (भूतकाल, वर्तमानकाल, भविष्यकाल) की ज्ञानी, जो तीनों कालों का ज्ञान रखती हैं। |
73 | त्रिगुणा | त्रिगुणात्मिका, जो त्रिगुणों (सत्त्व, रजस, तमस) की स्वरूपिणी हैं। |
74 | शास्त्ररूपिणी | शास्त्रों की रूप, जो शास्त्रों का प्रतिष्ठा हैं और ज्ञान का प्रदान करती हैं। |
75 | शुम्भासुरप्रमथिनी | शुम्भ और निशुम्भ को नष्ट करने वाली, जो दुष्टों का नाश करती हैं और विजय की प्रतिष्ठा हैं। |
76 | शुभदा | शुभ देने वाली, जो मंगल प्रदान करती हैं और शुभता की प्रतिष्ठा हैं। |
77 | सर्वात्मिका | सबकी आत्मा, जो सबका सम्पूर्ण संरक्षक हैं और सबकी प्रतिष्ठा हैं। |
78 | रक्तबीजनिहन्त्री | रक्तबीज (दुष्टता) का नाश करने वाली, जो दुष्टता का नाश करती हैं और शुभता का प्रकटन करती हैं। |
79 | चामुण्डा | चामुण्डेश्वरी, जो चामुण्डेश्वरी देवी की प्रतिष्ठा हैं और शक्ति का प्रदान करती हैं। |
80 | अम्बिका | माता अम्बा, जो मातृत्व की प्रतिष्ठा हैं और सबका पालन करती हैं। |
81 | मुण्डकायप्रहरणा | मुण्डकायप्रहरणी, जो मुण्डकाय (शंख) को हरण करने वाली हैं, और सुरक्षा और रक्षा की प्रतिष्ठा हैं। |
82 | धूम्रलोचनमर्दना | धूम्रलोचन (राक्षस) का मर्दन करने वाली, जो दुष्टों को नष्ट करती हैं और शुभता की प्रतिष्ठा हैं। |
83 | सर्वदेवस्तुता | सभी देवताओं की स्तुति करने वाली, जो सभी देवताओं की प्रतिष्ठा हैं और उनकी आराधना करती हैं। |
84 | सौम्या | सौम्य रूप धारण करने वाली, जो सौम्यता की प्रतिष्ठा हैं और दया का प्रकटन करती हैं। |
85 | सुरासुर नमस्कृता | सुरों और असुरों द्वारा प्रणाम की गई, जो ब्रह्मा, विष्णु, शिव और अन्य देवताओं की प्रतिष्ठा हैं और उनकी सेवा करती हैं। |
86 | कालरात्री | कालरात्रि, जो रात्रि की देवी हैं, और शक्ति का प्रतिष्ठान करती हैं। |
87 | कलाधारा | कला का धारण करने वाली, जो कला की प्रतिष्ठा हैं और कला का प्रकटन करती हैं। |
88 | रूपसौभाग्यदायिनी | रूप और सौभाग्य का दायित्व देने वाली, जो सौंदर्य और सौभाग्य की प्रतिष्ठा हैं। |
89 | वाग्देवी | वाग्देवी, जो वाणी की देवी हैं, और वाणी का प्रतिष्ठान करती हैं। |
90 | वरारोहा | वर देने वाली, जो वरदानों की प्रतिष्ठा हैं और वरदान प्रदान करती हैं। |
91 | वाराही | वाराही, जो वराही देवी की प्रतिष्ठा हैं और रक्षा करने वाली हैं। |
92 | वारिजासना | वारिजासनी, जो आसन की देवी हैं और साधकों को स्थिरता और समर्थता प्रदान करती हैं। |
93 | चित्राम्बरा | चित्राम्बरा, जो चित्रों से सुशोभित हैं और रंगों की प्रतिष्ठा हैं। |
94 | चित्रगन्धा | चित्रगन्धा, जो चित्रों और सुगंधित धूप की प्रतिष्ठा हैं और सुगंध प्रदान करती हैं। |
95 | चित्रमाल्यविभूषिता | चित्रमाल्यों से अलंकृत हुई, जो फूलों के माला से सुशोभित हैं और आभूषण की प्रतिष्ठा हैं। |
96 | कान्ता | कान्ता, जो कान्ति की प्रतिष्ठा हैं और रूप में प्रकट होती हैं। |
97 | कामप्रदा | कामप्रदा, जो कामनाएं पूर्ण करने वाली हैं और इच्छाओं की प्रतिष्ठा हैं। |
98 | वन्द्या | वन्द्या, जो पूज्य हैं और पूजा की गई हैं, और यज्ञों का प्रतिष्ठान करती हैं। |
99 | विद्याधरसुपूजिता | विद्याधरों द्वारा पूजित, जो विद्याधरों की प्रतिष्ठा हैं और उन्हें सम्मानित करती हैं। |
100 | श्वेतासना | श्वेतासना, जो श्वेत वस्त्र में आसन की देवी हैं और शान्ति और संतुलन का प्रतीक हैं। |
101 | नीलभुजा | नीलभुजा, जिनके हाथ नीले रंग के हैं और शक्ति की प्रतिष्ठा हैं। |
102 | चतुर्वर्गफलप्रदा | चतुर्वर्गों (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) के फल प्रदान करने वाली, जो समृद्धि और पूर्णता की प्रतिष्ठा हैं। |
103 | चतुरानन साम्राज्या | चतुरानन साम्राज्य की धारिणी, जो चारों दिशाओं पर राज करती हैं और सर्वाधिकार की प्रतिष्ठा हैं। |
104 | रक्तमध्या | रक्तमध्या, जिनकी हृदय में रक्त की प्रतिष्ठा हैं और संयम और प्रेम की प्रतीक हैं। |
105 | निरञ्जना | निरञ्जना, जो निर्मलता की प्रतिष्ठा हैं और मुक्ति और पवित्रता का प्रतीक हैं। |
106 | हंसासना | जो हंस की प्रतिष्ठा हैं और शान्ति और आत्मसाक्षात्कार का प्रतीक हैं। |
107 | नीलजङ्घा | नीले रंग के जंघा वाली, जिनके जंघे नीले रंग के हैं और साहस और स्थिरता की प्रतिष्ठा हैं। |
108 | ब्रह्मविष्णुशिवात्मिका | ब्रह्मा, विष्णु और शिव की स्वरूपिणी, जो संपूर्ण ब्रह्माण्ड की प्रतिष्ठा हैं और सर्वत्र व्याप्ति की प्रतीक हैं। |
अन्य पढ़े:
माँ सरस्वती के 108 नाम के मंत्र जाप
ॐ सरस्वत्यै नमः
ॐ महाभद्रायै नमः
ॐ महमायायै नमः
ॐ वरप्रदायै नमः
ॐ श्रीप्रदायै नमः
ॐ पद्मनिलयायै नमः
ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः
ॐ पद्मवक्त्रायै नमः
ॐ शिवानुजायै नमः
ॐ पुस्त कध्रते नमः
ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः
ॐ रमायै नमः
ॐ परायै नमः
ॐ कामरूपायै नमः
ॐ महाविद्यायै नमः
ॐ महापातक नाशिन्यै नमः
ॐ महाश्रयायै नमः
ॐ मालिन्यै नमः
ॐ महाभोगायै नमः
ॐ महाभुजायै नमः
ॐ महाभागायै नमः
ॐ महोत्साहायै नमः
ॐ दिव्याङ्गायै नमः
ॐ सुरवन्दितायै नमः
ॐ महाकाल्यै नमः
ॐ महापाशायै नमः
ॐ महाकारायै नमः
ॐ महाङ्कुशायै नमः
ॐ सीतायै नमः
ॐ विमलायै नमः
ॐ विश्वायै नमः
ॐ विद्युन्मालायै नमः
ॐ वैष्णव्यै नमः
ॐ चन्द्रिकायै नमः
ॐ चन्द्रवदनायै नमः
ॐ चन्द्रलेखाविभूषितायै नमः
ॐ सावित्र्यै नमः
ॐ सुरसायै नमः
ॐ देव्यै नमः
ॐ दिव्यालङ्कारभूषितायै नमः
ॐ वाग्देव्यै नमः
ॐ वसुधायै नमः
ॐ तीव्रायै नमः
ॐ महाभद्रायै नमः
ॐ महाबलायै नमः
ॐ भोगदायै नमः
ॐ भारत्यै नमः
ॐ भामायै नमः
ॐ गोविन्दायै नमः
ॐ गोमत्यै नमः
ॐ शिवायै नमः
ॐ जटिलायै नमः
ॐ विन्ध्यावासायै नमः
ॐ विन्ध्याचलविराजितायै नमः
ॐ चण्डिकायै नमः
ॐ वैष्णव्यै नमः
ॐ ब्राह्मयै नमः
ॐ ब्रह्मज्ञानैकसाधनायै नमः
ॐ सौदामिन्यै नमः
ॐ सुधामूर्त्यै नमः
ॐ सुभद्रायै नमः
ॐ सुरपूजितायै नमः
ॐ सुवासिन्यै नमः
ॐ सुनासायै नमः
ॐ विनिद्रायै नमः
ॐ पद्मलोचनायै नमः
ॐ विद्यारूपायै नमः
ॐ विशालाक्ष्यै नमः
ॐ ब्रह्मजायायै नमः
ॐ महाफलायै नमः
ॐ त्रयीमूर्त्यै नमः
ॐ त्रिकालज्ञायै नमः
ॐ त्रिगुणायै नमः
ॐ शास्त्ररूपिण्यै नमः
ॐ शुम्भासुरप्रमथिन्यै नमः
ॐ शुभदायै नमः
ॐ स्वरात्मिकायै नमः
ॐ रक्तबीजनिहन्त्र्यै नमः
ॐ चामुण्डायै नमः
ॐ अम्बिकायै नमः
ॐ मुण्डकायप्रहरणायै नमः
ॐ धूम्रलोचनमर्दनायै नमः
ॐ सर्वदेवस्तुतायै नमः
ॐ सौम्यायै नमः
ॐ सुरासुर नमस्कृतायै नमः
ॐ कालरात्र्यै नमः
ॐ कलाधारायै नमः
ॐ रूपसौभाग्यदायिन्यै नमः
ॐ वाग्देव्यै नमः
ॐ वरारोहायै नमः
ॐ वाराह्यै नमः
ॐ वारिजासनायै नमः
ॐ चित्राम्बरायै नमः
ॐ चित्रगन्धायै नमः
ॐ चित्रमाल्यविभूषितायै नमः
ॐ कान्तायै नमः
ॐ कामप्रदायै नमः
ॐ वन्द्यायै नमः
ॐ विद्याधरसुपूजितायै नमः
ॐ श्वेतासनायै नमः
ॐ नीलभुजायै नमः
ॐ चतुर्वर्गफलप्रदायै नमः
ॐ चतुरानन साम्राज्यायै नमः
ॐ रक्तमध्यायै नमः
ॐ निरञ्जनायै नमः
ॐ हंसासनायै नमः
ॐ नीलजङ्घायै नमः
ॐ ब्रह्मविष्णुशिवान्मिकायै नमः
अन्य पढ़े:
FAQ (Maa saraswati ke 108 naam)
विद्या की देवी किसे कहा जाता है?
विद्या की देवी माँ सरस्वती को कहा जाता है।
माँ सरस्वती के कितने नाम है?
माँ सरस्वती के 108 नाम है।
माँ सरस्वती के 108 नाम कौन कौन से है?
माँ सरस्वती के 108- सरस्वती, महाभद्रामहामाया, वरप्रदा, श्रीप्रदा, पद्मनिलया, पद्माक्षी, पद्मवक्त्रगा, शिवानुजा, पुस्तकधृत, ज्ञानमुद्रा, रमा, परा, कामरूपा, महाविद्या, महापातक नाशिनी, महाश्रया, मालिनी, महाभोगा, महाभुजा, महाभागा, महोत्साहा, दिव्याङ्गा, सुरवन्दिता, महाकाली, महापाशा, महाकारा, महाङ्कुशा, सीता, विमला, विश्वा, विद्युन्माला, वैष्णवी, चन्द्रिका, चन्द्रवदना, चन्द्रलेखाविभूषिता, सावित्री, सुरसा, देवी, दिव्यालङ्कारभूषिता, वाग्देवी, वसुधा, तीव्रा, महाभद्रा, महाबला, भोगदा, भारती, भामा, गोविन्दा, गोमती, शिवा, जटिला, विन्ध्यवासा, विन्ध्याचलविराजिता, चण्डिका, वैष्णवी, ब्राह्मी, ब्रह्मज्ञानैकसाधना, सौदामिनी, सुधामूर्ति, सुभद्रा, सुरपूजिता, सुवासिनी, सुनासा, विनिद्रा, पद्मलोचना, विद्यारूपा, विशालाक्षी, ब्रह्मजाया, महाफला, त्रयीमूर्ती, त्रिकालज्ञा, त्रिगुणा, शास्त्ररूपिणी, शुम्भासुरप्रमथिनी, शुभदा, सर्वात्मिका, रक्तबीजनिहन्त्री, चामुण्डा, अम्बिका, मुण्डकायप्रहरणा, धूम्रलोचनमर्दना, सर्वदेवस्तुता, सौम्या, सुरासुर, नमस्कृता, कालरात्री, कलाधारा, रूपसौभाग्यदायिनी, वाग्देवी, वरारोहा, वाराही, वारिजासना, चित्राम्बरा, चित्रगन्धा, चित्रमाल्यविभूषिता, कान्ता, कामप्रदा, वन्द्या, विद्याधरसुपूजिता, श्वेतासना, नीलभुजा, चतुर्वर्गफलप्रदा, चतुरानन, साम्राज्या, रक्तमध्या, निरञ्जना, हंसासना, नीलजङ्घा तथा ब्रह्मविष्णुशिवात्मिका।
निष्कर्ष (माँ सरस्वती के 108 नाम)
Maa saraswati ke 108 naam के इस आर्टिकल में आज हमने माँ सरस्वती के 108 नाम अर्थ सहित जाना, आशा करता हूँ saraswati mata ke 108 naam का यह आर्टिकल आप सभी माँ सरस्वती के भक्तो को काफी अच्छा लगा होगा। इसी प्रकार के और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमे सब्सक्राइब करे और 108 maa saraswati name के इस आर्टिकल को अपने यार दोस्तों को शेयर जरुर करे।
माँ सरस्वती के 108 नाम अर्थ सहित (Maa saraswati ke 108 naam) के इस आर्टिकल को अपना प्यार और सपोर्ट देने के लिए आप सभी माँ सरस्वती के भक्तो को दिल से शुक्रिया, माँ सरस्वती आपके हर मनोकामना को पूरी करे।
!! जय माँ सरस्वती !!