Bhagwan vishnu ke 108 naam: ऊँ श्री विष्णवे नम:, भगवान श्री विष्णु के चरणों में मेरा सादर प्रणाम। साथ ही आप सभी विष्णु भक्तो को मैं सादर प्रणाम और vishnu bhagwan ke 108 naam के इस आर्टिकल में स्वागत करता हूँ। भगवान श्री विष्णु हिंदू धर्म के प्रमुख देवता में से एक हैं। उन्हें त्रिमूर्ति का एक अवतार माना जाता हैं। वे सर्वव्यापी, सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ माने जाते हैं। आज हम bhagwan vishnu ke 108 naam के इस आर्टिकल में भगवान श्री विष्णु के 108 नाम अर्थ सहित जानने वाले है।
श्री विष्णु के 108 नाम अर्थ सहित (Bhagwan vishnu ke 108 naam)
क्रम स० | श्री विष्णु के 108 नाम | श्री विष्णु के नाम के अर्थ |
1 | विष्णु | हर जगह विराजमान रहने वाले |
2 | नारायण | ईश्वर, परमात्मा |
3 | परमात्मा | श्रेष्ठ आत्मा |
4 | पूतात्मा | शुद्ध छवि वाले प्रभु |
5 | वषट्कार | यज्ञ से प्रसन्न होने वाले |
6 | भूतभव्यभवत्प्रभु | भूत, वर्तमान और भविष्य के स्वामी |
7 | भूतभावन | ब्रह्मांड के सभी अभिव्यक्तियों के अनुरक्षक |
8 | भूतात्मा | ब्रह्मांड के सभी जीवों के आत्मा में वास करने वाले |
9 | भूतकृत | सभी प्राणियों के रचयिता |
10 | भूतभृत | सभी प्राणियों का पोषण करने वाले |
11 | भाव | सम्पूर्ण अस्तित्व वाले |
12 | अव्यय | हमेशा एक रहने वाले |
13 | गरुड़ध्वज | गरुड़ पर सवार होने वाले |
14 | क्षेत्रज्ञ | क्षेत्र के ज्ञाता |
15 | श्रीमान् | देवी लक्ष्मी के साथ रहने वाले |
16 | मुक्तानां परमागति | मोक्ष प्रदान करने वाले |
17 | पुरुषोत्तम | श्रेष्ठ पुरुष |
18 | पुरुष | हर जन में वास करने वाले |
19 | साक्षी | ब्रह्मांड की सभी घटनाओं के साक्षी |
20 | केशव | सुंदर बाल वाले |
21 | नारसिंहवपुष | नरसिंह रूप धरण करने वाले |
22 | योग | श्रेष्ठ योगी |
23 | योगाविदां नेता | सभी योगियों का स्वामी |
24 | प्रधानपुरुषेश्वर | प्रकृति और प्राणियों के भगवान |
25 | स्थाणु | स्थिर रहने वाले |
26 | भूतादि | सभी को जीवन देने वाले |
27 | निधिरव्यय | अमूल्य धन के समान |
28 | प्रभु | सर्वशक्तिमान प्रभु |
29 | सर्व | संपूर्ण या जिसमें सब चीजें समाहित हों |
30 | शर्व | बाढ़ में सब कुछ नाश करने वाले |
31 | शिव | सदैव शुद्ध रहने वाले |
32 | शम्भु | खुशियां देने वाले |
33 | ईश्वर | पूरे ब्रह्मांड पर अधिपति |
34 | महास्वण | वज्र की तरह स्वर वाले |
35 | सम्भव | सभी घटनाओं में स्वामी |
36 | भावन | भक्तों को सब कुछ देने वाले |
37 | स्वयम्भू | स्वयं प्रकट होने वाले |
38 | भर्ता | सम्पूर्ण ब्रह्मांड के संचालक |
39 | प्रभव | सभी चीजों में उपस्थित होने वाले |
40 | अप्रेमय | नियम व परिभाषाओं से परे |
41 | विधाता | सृष्टि की रचना करने वाले |
42 | हृषीकेशा | सभी इंद्रियों के स्वामी |
43 | अनादिनिधन | जिनका न आदि है एयर न अंत |
44 | आदित्य | देवी अदिति के पुत्र |
45 | पुष्कराक्ष | कमल जैसे नयन वाले |
46 | पद्मनाभ | जिनके पेट से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई |
47 | विश्वकर्मा | ब्रह्मांड के रचयिता |
48 | धाता | सभी का समर्थन करने वाले |
49 | मनु | सभी विचार के दाता |
50 | धातुरुत्तम | ब्रह्मा से भी महान |
51 | शाश्वत | हमेशा अवशेष छोड़ने वाले |
52 | अमरप्रभु | अमर रहने वाले |
53 | प्रजापति | सभी के मुख्य |
54 | प्रभूत | धन और ज्ञान के दाता |
55 | स्थविष्ठ | मुख्य |
56 | लोहिताक्ष | लाल आँखों वाले |
57 | त्वष्टा | बड़े को छोटा करने वाले |
58 | मंगलपरम् | श्रेष्ठ कल्याणकारी |
59 | स्थविरो ध्रुव | प्राचीन देवता |
60 | अग्राह्य | मांसाहार का त्याग करने वाले |
61 | प्राण | जीवन के स्वामी |
62 | कृष्ण | काले रंग वाले |
63 | माधव | देवी लक्ष्मी के पति |
64 | प्रतर्दन | बाढ़ के विनाशक |
65 | त्रिककुब्धाम | सभी दिशाओं के भगवान |
66 | पवित्रां | हृदया पवित्र करने वाले |
67 | ईशान | हर जगह वास करने वाले |
68 | प्राणद | प्राण देने वाले |
69 | ज्येष्ठ | सबसे बड़े प्रभु |
70 | श्रेष्ठ | सबसे महान |
71 | हिरण्यगर्भ | विश्व के गर्भ में वास करने वाले |
72 | भूगर्भ | खुद के अंदर पृथ्वी का वहन करने वाले |
73 | मधुसूदन | रक्षक मधु के विनाशक |
74 | ईश्वर | सबको नियंत्रित करने वाले |
75 | विक्रमी | सबसे साहसी भगवान |
76 | धन्वी | श्रेष्ठ धनुष- धारी |
77 | मेधावी | सर्वज्ञाता |
78 | विक्रम | ब्रह्मांड को मापने वाले |
79 | क्रम | हर जगह वास करने वाले |
80 | अनुत्तम | श्रेष्ठ ईश्वर |
81 | आत्मवान | सभी मनुष्य में वास करने वाले |
82 | दुराधर्ष | सफलतापूर्वक हमला न करने वाले |
83 | कृतज्ञ | अच्छाई- बुराई का ज्ञान देने वाले |
84 | कृति | कर्मों का फल देने वाले |
85 | विश्वरेता | ब्रह्मांड के रचयिता |
86 | सुरेश | देवों के देव |
87 | शरणम | शरण देने वाले |
88 | शर्म | |
89 | प्रत्यय | ज्ञान का अवतार कहे जाने वाले |
90 | प्रजाभव | भक्तों के अस्तित्व के खातिर अवतार लेने वाले |
91 | अह्र | दिन की तरह चमकने वाले |
92 | सम्वत्सर | अवतार लेने वाले |
93 | व्याल | नाग द्वारा कभी न पकड़े जाने वाले |
94 | सर्वेश्वर | सम्पूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी |
95 | सर्वदर्शन | सब कुछ देखने वाले |
96 | अज | जिनका जन्म नहीं हुआ |
97 | अच्युत | कभी न चूकने वाले |
98 | सिद्ध | सब कुछ करने वाले |
99 | सिद्धि | कार्यों के प्रभाव देने वाले |
100 | सर्वादि | सभी क्रियाओं के प्राथमिक कारण |
101 | वसु | सभी प्राणियों में रहने वाले |
102 | वृषाकपि | धर्म और वराह का अवतार लेने वाले |
103 | अमेयात्मा | जिनका कोई आकार नहीं है |
104 | सर्वयोगविनि | सभी योगियों के स्वामी |
105 | वसुमना | सौम्य हृदय वाले |
106 | सममित | सभी प्राणियों में असीमित रहने वाले |
107 | सत्य | सत्य का समर्थन करने वाले |
108 | समात्मा | सभी के लिए एक जैसे |
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श्री विष्णु जी के 108 नाम के मंत्र जाप
- ऊँ श्री विष्णवे नम:
- ऊँ श्री परमात्मने नम:
- ऊँ श्री विराट पुरुषाय नम:
- ऊँ श्री क्षेत्र क्षेत्राज्ञाय नम:
- ऊँ श्री केशवाय नम:
- ऊँ श्री पुरुषोत्तमाय नम:
- ऊँ श्री ईश्वराय नम:
- ऊँ श्री हृषीकेशाय नम:
- ऊँ श्री पद्मनाभाय नम:
- ऊँ श्री विश्वकर्मणे नम:
- ऊँ श्री कृष्णाय नम:
- ऊँ श्री प्रजापतये नम:
- ऊँ श्री हिरण्यगर्भाय नम:
- ऊँ श्री सुरेशाय नम:
- ऊँ श्री सर्वदर्शनाय नम:
- ऊँ श्री सर्वेश्वराय नम:
- ऊँ श्री अच्युताय नम:
- ऊँ श्री वासुदेवाय नम:
- ऊँ श्री पुण्डरीक्षाय नम:
- ऊँ श्री नर-नारायणा नम:
- ऊँ श्री जनार्दनाय नम:
- ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:
- ऊँ श्री चतुर्भुजाय नम:
- ऊँ श्री धर्माध्यक्षाय नम:
- ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:
- ऊँ श्री माधवाय नम:
- ऊँ श्री महाबलाय नम:
- ऊँ श्री गोविन्दाय नम:
- ऊँ श्री प्रजापतये नम:
- ऊँ श्री विश्वातमने नम:
- ऊँ श्री सहस्त्राक्षाय नम:
- ऊँ श्री नारायणाय नम:
- ऊँ श्री सिद्ध संकल्पयाय नम:
- ऊँ श्री महेन्द्राय नम:
- ऊँ श्री वामनाय नम:
- ऊँ श्री अनन्तजिते नम:
- ऊँ श्री महीधराय नम:
- ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:
- ऊँ श्री लक्ष्मीपतये नम:
- ऊँ श्री दामोदराय नम:
- ऊँ श्री कमलापतये नम:
- ऊँ श्री परमेश्वराय नम:
- ऊँ श्री धनेश्वराय नम:
- ऊँ श्री मुकुन्दाय नम:
- ऊँ श्री आनन्दाय नम:
- ऊँ श्री सत्यधर्माय नम:
- ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:
- ऊँ श्री चक्रगदाधराय नम:
- ऊँ श्री भगवते नम
- ऊँ श्री शान्तिदाय नम:
- ऊँ श्री गोपतये नम:
- ऊँ श्री श्रीपतये नम:
- ऊँ श्री श्रीहरये नम:
- ऊँ श्री श्रीरघुनाथाय नम:
- ऊँ श्री कपिलेश्वराय नम:
- ऊँ श्री वाराहय नम:
- ऊँ श्री नरसिंहाय नम:
- ऊँ श्री रामाय नम:
- ऊँ श्री हयग्रीवाय नम:
- ऊँ श्री शोकनाशनाय नम:
- ऊँ श्री विशुद्धात्मने नम :
- ऊँ श्री केश्वाय नम:
- ऊँ श्री धनंजाय नम:
- ऊँ श्री ब्राह्मणप्रियाय नम:
- ऊँ श्री श्री यदुश्रेष्ठाय नम:
- ऊँ श्री लोकनाथाय नम:
- ऊँ श्री भक्तवत्सलाय नम:
- ऊँ श्री चतुर्मूर्तये नम:
- ऊँ श्री एकपदे नम:
- ऊँ श्री सुलोचनाय नम:
- ऊँ श्री सर्वतोमुखाय नम:
- ऊँ श्री सप्तवाहनाय नम:
- ऊँ श्री वंशवर्धनाय नम:
- ऊँ श्री योगिनेय नम:
- ऊँ श्री धनुर्धराय नम:
- ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:
- ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम
- ऊँ श्री अक्रूराय नम:
- ऊँ श्री दु:स्वपननाशनाय नम:
- ऊँ श्री भूभवे नम:
- ऊँ श्री प्राणदाय नम:
- ऊँ श्री देवकी नन्दनाय नम:
- ऊँ श्री शंख भृते नम:
- ऊँ श्री सुरेशाय नम:
- ऊँ श्री कमलनयनाय नम:
- ऊँ श्री जगतगुरूवे नम:
- ऊँ श्री सनातन नम:
- ऊँ श्री सच्चिदानन्दाय नम:
- ऊँ श्री द्वारकानाथाय नम:
- ऊँ श्री दानवेन्द्र विनाशकाय नम:
- ऊँ श्री दयानिधि नम:
- ऊँ श्री एकातम्ने नम:
- ऊँ श्री शत्रुजिते नम:
- ऊँ श्री घनश्यामाय नम:
- ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:
- ऊँ श्री जरा-मरण-वर्जिताय नम:
- ऊँ श्री सर्वयज्ञफलप्रदाय नम:
- ऊँ श्री विराटपुरुषाय नम:
- ऊँ श्री यशोदानन्दनयाय नम:
- ऊँ श्री परमधार्मिकाय नम:
- ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:
- ऊँ श्री प्रभवे नम:
- ऊँ श्री लक्ष्मीकान्ताजाय नम:
- ऊँ श्री गगनसदृश्यमाय नम:
- ऊँ श्री वामनाय नम:
- ऊँ श्री हंसाय नम:
- ऊँ श्री वयासाय नम:
- ऊँ श्री प्रकटाय नम:
FAQ bhagwan vishnu ke 108 naam se jude
भगवान श्री विष्णु के कितने नाम है?
भगवान श्री विष्णु के 108 नाम है।
भगवान श्री विष्णु के 108 नाम कौन कौन से है?
भगवान श्री विष्णु के 108 नाम है- विष्णु, नारायण, परमात्मा, पूतात्मा, भाव, भूतात्मा, भूतभावन, वषट्कार, भूतभव्यभवत्प्रभु, भूतकृत, भूतभृत, साक्षी, मुक्तानां परमागति, अव्यय, पुरुष, नारसिंहवपुष, क्षेत्रज्ञ, गरुड़ध्वज, योग, योगाविदां नेता, प्रधानपुरुषेश्वर, शिव, श्रीमान्, केशव, पुरुषोत्तम, सर्व, शर्व, सम्भव, स्थाणु, भूतादि, निधिरव्यय, प्रभु, ईश्वर, भावन, भर्ता, प्रभव, पुष्कराक्ष, स्वयम्भू, शम्भु, आदित्य, विधाता, महास्वण, अनादिनिधन, धाता, पद्मनाभ, धातुरुत्तम, अप्रेमय, हृषीकेशा, त्वष्टा, अमरप्रभु, विश्वकर्मा, मनु, कृष्ण, स्थविष्ठ, स्थविरो ध्रुव, अग्राह्य, शाश्वत, त्रिककुब्धाम, लोहिताक्ष, प्रतर्दन, प्रभूत, प्राणद, पवित्रां, मंगलपरम्, ईशान, प्रजापति, प्राण, ज्येष्ठ, श्रेष्ठ, मधुसूदन, हिरण्यगर्भ, भूगर्भ, माधव, मेधावी, ईश्वर, विक्रमी, धन्वी, दुराधर्ष, विक्रम, क्रम, अनुत्तम, सुरेश, कृतज्ञ, कृति, आत्मवान, प्रजाभव, शरणम, शर्म, विश्वरेता, सर्वदर्शन, अह्र, सम्वत्सर, व्याल, प्रत्यय, अज, सर्वादि, सर्वेश्वर, सिद्ध, सिद्धि, सर्वयोगविनि, अच्युत, वृषाकपि, अमेयात्मा, वसु, वसुमना, सत्य, समात्मा तथा सममित।
निष्कर्ष (श्री विष्णु के 108 नाम)
Bhagwan vishnu ke 108 naam के इस आर्टिकल में आज हमने श्री विष्णु के 108 नाम अर्थ सहित जाना, आशा करता हूँ vishnu bhagwan ke 108 naam का यह आर्टिकल आप सभी विष्णु भक्तो को काफी अच्छा लगा होगा। इसी प्रकार के और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमे सब्सक्राइब करे और श्री विष्णु के नाम के इस आर्टिकल को अपने यार दोस्तों को शेयर जरुर करे।
भगवान श्री विष्णु के 108 नाम अर्थ सहित (Bhagwan vishnu ke 108 naam) के इस आर्टिकल को अपना प्यार और सपोर्ट देने के लिए आप सभी विष्णु भक्तो को दिल से शुक्रिया, भगवान आपकी हर मनोकामना पूरी करे।
ऊँ श्री विष्णवे नम: