रात का पर्यायवाची शब्द | Raat Ka Paryayvachi Shabd

Raat Ka Paryayvachi Shabd के इस आर्टिकल में आज हमलोग रात का पर्यायवाची शब्द के बारे में जानने वाले है यानि यदि आप raat ka paryayvachi shabd या ratri ka paryayvachi shabd सर्च कर रहे है तो आप बिलकुल सही आर्टिकल पे आए है इस आर्टिकल में आपको 25+ रात्रि का पर्यायवाची शब्द यानि raat ka samanarthi shabd के बारे में जानने को मिलेंगे।

रात का पर्यायवाची शब्द (Raat Ka Paryayvachi Shabd)

रात्रि
(Raatri)
रजनी
(Rajani)
निशा
(Nisha)
क्षणदा
(Kshranda)
यामा
(Yaama)
यामिनी
(Yaamini)
तमी
(Tami)
शर्वरी
(Sharvari)
विभावरी
(Vibhavari)
निशि
(Nishi)
अमाँ
(Amman)
रैन
(Rain)
तमा
(Tama)
राका
(Raka)
तमिस्रा
(Tamistra)
त्रियामा
(Triyama)
दोषा
(Dousha)
कादंबरी
(Kadambari)
तमस्विनी
(Tamshwini)
क्षपा
(Kshpa)
निशीथ
(Nishirath)
अँधेरा काल
(Andhera Kaal)
निशीथिनी
(Nishrithini)
अमावस्या
(Amashwaya)
नाईट
(Night)

रात्रि का पर्यायवाची शब्द हिंदी में

रजनी, निशा, यामिनी, त्रियामा, तमी, क्षणदा, शर्वरी, निशि, कादंबरी, यामा, विभावरी, रैन, तमा, राका, निशीथ, अमाँ, क्षपा, तमस्विनी, तमिस्रा, दोषा, निशीथिनी, अमावस्या

रात्रि का पर्यायवाची शब्द संस्कृत में

रजनी, निशा, निशीथ:, यामिनी, शर्वरी, विभा, क्षपा, विभावारी, तमी, त्रियामा, तमिस्त्रा, तमस्विनी, क्षणदा, ज्यौत्स्नी आदि

Ratri ka paryayvachi shabd Se Bane Vakya (रात का पर्यायवाची शब्द से बने वाक्य)

  1. रात्रि  का भोजन बहुत स्वादिष्ट था।
  2. प्राकृतिक आपदा के कारण लोगों की जिंदगी निशा जैसी अंधेरी हो गई।
  3. रैन- रैन होते ही पक्षी अपने बसेरे में चले गए।
  4. कुछ फूल रजनी में ही खिलते हैं।
  5. यामिनी में दूज का चांद बहुत सुंदर लगता है।
Raat Ka Paryayvachi Shabd
रात का पर्यायवाची शब्द

जैसा अभी हमने रात का पर्यायवाची शब्द के बारे में जाना इसी प्रकार अन्य शब्दों के पर्यायवाची शब्द के बारे में जानने के लिए क्लिक करे।

रात क्यों होता है?

पृथ्वी ग्रह हर 365 दिनों में एक बार सूर्य की परिक्रमा करती है तथा हर 24 घंटे में एक बार अपनी धुरी पर घूमती है।  पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने के कारण ही दिन और रात होते है। पृथ्वी के जिस हिस्से में सूर्य की रौशनी पड़ती है उस हिस्से में उस समय दिन होता है वही पृथ्वी के बाकि हिस्सा जिसमे सूर्य की रौशनी नहीं पड़ने के कारण वहाँ अँधेरा होता है उस हिस्सा में उस समय रात होती है। यानि हम कह सकते है की पृथ्वी अपनी धुरी पर एक बार घूमती है उसमे दिन और रात दोनों शामिल होते हैं।

रात का महत्व

रात का महत्व प्रकृति के साथ साथ हमारे जीवन, हमारे स्वास्थ के लिए भी बहुत गहरा है। रात का समय सोने का समय होता है। पूरा दिन विभिन्न प्रकार के कार्य करने के कारन हमारे शरीर में थकान उत्पन हो जाता है उसी थकान को दूर भागने के लिए हम रात को सोया करते है ताकि हमारे शरीर को आराम मिल सके। नींद हमारे लिए एक बहुत ही आवश्यक कार्य है जो हमारे शरीर और दिमाग को रिचार्ज करते है, जिससे जब हम नींद से जागते है तो हम पूरी तरह से थकान मुक्त और तरोताजा महसूस करते है। सही समय पे और सही मात्रा में नींद लेना हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है यदि हम किसी दिन रात को ना सोए या सही मात्रा में अपना नींद पूरी ना करे तो अगला दिन हमे पूरा चिड़चिड़ा और थका-थका सा महसूस होता है और किसी भी काम में हमारा मन नहीं लगता है। इसलिए सही समय पे और सही मात्रा में अपनी नींद पूरी करना हमारे शरीर और सेहत दोनों के लिए बहुत ही जरुरी होता है। रात के समय सिर्फ हम इंसान ही नहीं सोया करते बल्कि ज्यादातर सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधा आदि भी रात के समय सोया करते है यानि आराम किया करते है। कुछ शिकारी जानवर ऐसे भी होते है जो दिन के समय सोया करते है और रात के अँधेरे में अपना शिकार किया करते है।  

रात पर निबंध

पृथ्वी, लड्डू की तरह अपने कक्ष यानि धुरी पर घूमती है। जिसे हम पृथ्वी का परिभ्रमण कहते हैं। पृथ्वी अपने धुरी पर एक परिभ्रमण करने में 24 घंटे का समय लगाती है। पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूर्णन के दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के लगभग आधा हिस्सा में पड़ता है जबकि बाकि आधा हिस्सा में सूर्य का प्रकाश नहीं पहुँच पता है। पृथ्वी के जिस हिस्सा में सूर्य का प्रकाश पड़ता है उस हिस्सा में उस समय दिन होता है और चारो और उजाला ही उजाला होता है तथा बाकि आधा हिस्सा जहाँ सूर्य की प्रकाश नहीं पहुँचता वह उस समय रात होता है और चारो और अँधेरा ही अँधेरा होता है।  

शाम के समय सूरज ढलने के कुछ देर बाद से सुबह सूरज उगने के कुछ समय पहले तक का समय रात का समय होता है यानि एक पुरे दिन में यानि 24 घंटा में लगभग 10 से 12 घंटा का समय अवधी में रात का समय होता है। रात की अवधी अलग अलग जगह में और मौसम के हिसाब से अलग अलग होता है किसी मौसम में रात की अवधी अधिक होती है तो किसी मौसम में रात की अवधी कम होती है। 

रात के समय चारो ओर अँधेरा ही अँधेरा नजर आता है आसमान में काफी सारे तारे नजर आते है महिना में कुछ दिन आसमान में चाँद भी नजर आते है। पूर्णिमा रात में चाँद की रौशनी से राते रोशन हो जाती है। रात के समय हम अपने घरो में बिजली का बल्ब जलाकर रोशन करते है और जब बिजली चली जाती है तो लालटेन, बत्ती या मोमबत्ती से हम अपने घरो को रोशन करते है।

रात का समय सोने का समय होता है सभी लोग दिन के उजाले में अपना काम करके रात को अपना थकान मिटाने के लिए सो जाते है ज्यादातर जानवर भी रात के समय सो जाते है। रात के समय चारो ओर पूरा सन्नाटा हो जाता है और चारो ओर शांति छाई रहती है।

FAQ on raat ka paryayvachi shabd (रात का पर्यायवाची शब्द से जुड़ा प्रश्न उत्तर)

रात का पर्यायवाची शब्द क्या है?

रात्रि, रजनी, निशा, यामिनी, त्रियामा, तमी, क्षणदा, शर्वरी, निशि, कादंबरी, यामा, विभावरी, रैन, तमा, राका, निशीथ, अमाँ, क्षपा, तमस्विनी, तमिस्रा, दोषा, निशीथिनी, अमावस्या आदि रात का पर्यायवाची शब्द है।

रात का 10 पर्यायवाची शब्द लिखे?

रात्रि, रजनी, यामिनी, निशा, त्रियामा, क्षणदा, तमी, शर्वरी, निशि और कादंबरी।

रात को अंग्रेजी में क्या कहते है?

रात को अंग्रेजी में Night कहते है।

रात को संस्कृत में क्या कहते है?

रात को संस्कृत में रात्रि कहते है।

तो दोस्तों यह रहा raat ka paryayvachi shabd (रात का पर्यायवाची शब्द) के बारे में पूरी जानकारी, दोस्तों आशा करता हूँ की आपको ratri ka paryayvachi shabd (रात्रि का पर्यायवाची शब्द) का यह आर्टिकल आपको काफी अच्छा लगा होगा, यदि आपको यह सच में अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे।

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